History Of Kashmir In Hindi – कश्मीर के बारे में जानिए मात्र 5 मिनट में
इस लेख में कश्मीर के बारे में (history of kashmir in hindi) विस्तार से जानकारी दी गई है। कश्मीर भारत के उत्तर में वसा एक केंद्र शासित प्रदेश है। जानते हैं क्यों, ‘धरती का स्वर्ग कश्मीर‘ को कहा जाता है। सचमुच अगर आप धरती पर स्वर्ग देखना चाहते हैं तो कश्मीर चले जाइए।
कश्मीर की सुंदरता, वहाँ की अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य, पर्वत, झरनों, झीलों, दूर तक फैले हरे-भरे मैदान, हिमालय की हिमाच्छादित चोटियाँ पर्यटकों का मन मोह लेती है। कश्मीर उन्नत किस्म की सेव के पैदावार के लिए भी प्रसिद्ध है। कश्मीरी सेब की पूरे भारत में मांग है।
कश्मीर की वादियां में दूर तक फैली रंग-विरंगी फूलों से लदे पेड़-पौधे को देखकर स्वर्ग की कल्पना साकार हो उठती है। कश्मीर का प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर लगता है प्रकृति ने दिल खोलकर अपना सर्वस्व कश्मीर की धरा को सुषमा मंडित करने में लगा दिया हो। कश्मीर के बारे में जानकारी से पहले हम उसके इतिहास पर नजर डालते हैं।
कश्मीर के इतिहास बारे में जानकारी – information about history of kashmir in hindi
कश्मीर का इतिहास (History Of Kashmir In Hindi) अति प्राचीन मानी जाती है। कहते हैं की इसका इतिहास रामायण व महाभारत कालीन है। मान्यता है की भगवान राम के अनुज भरत भी कश्मीर आये थे। इतिहासकारों के अनुसार 7वीं शताब्दी से पूर्व कश्मीर में हिन्दु राजाओं का शासन था।
यह क्षेत्र कभी मौर्य वंश के शासक सम्राट अशोक के मगध राज्य का हिस्सा था। कालान्तर में यह मुस्लिम शासकों के आधीन भी आया। लेकिन बाद में फिर से यह प्रदेश हिन्दू राजाओं के अधिकार क्षेत्र में आया। साल दर साल सत्ता की अदला-बदली का सिलसिला चलता रहा।
सन 1338 ईस्वी में शाह मोर को कश्मीर का राजा बनाया गया। कश्मीर में आठवें जैन उन अबेदीन ने कला व संस्कृति का विस्तार किया। इस प्रकार कश्मीरी हस्त शिल्प कला का जन्म हुआ। सन 1568 ईस्वी में मुगल सम्राट अकबर ने कश्मीर पर अपना कब्जा कर लिया।
मुगल सम्राट ने वहाँ पर कई सुंदर बागों का निर्माण कराया। जसमें शालीमार बाग और निशात बाग जो डल झील के पास स्थित है जो अपने सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। सन 1756 ईस्वी से लेकर सन 1819 ई. तक कश्मीर काबुल के राजाओं के अधीन रहा।
फिर सन 1819 ईस्वी में महाराजा रणजीत सिंह ने कश्मीर पर चढ़ाई कर अपने कब्जे में ले लिया। सन 1846 ईस्वी में फिर यह प्रदेश भारत में व्यापार करने आए ईस्ट इंडिया कंपनी के आधिपत्य में चला गया।
बाद में डोंगर वंश के शासक गुलाब सिहं ने कश्मीर को अंग्रेजों से लेकर अपने अधीन किया। भारत की आजादी तक यह प्रदेश डोंगर वंश के ही अधीन रहा। जब 1947 में देश आजाद हुआ तब भारत के अन्य रियासतों की तरह कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया।
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कश्मीर के बारे में जानकारी – kashmir history before 1947 in hindi
भारत की आजादी से पहले कश्मीर की पहचान एक अलग रियासत के रूप में थी। कश्मीर को डोगरा राजवंश ने 1840 ईस्वी में ब्रिटिश सरकार से लेकर अपने कब्जे में लिया था। उसबक्त कश्मीर के राजा गुलाव सिंह थे।
उन्होंने अपनी रियासत का विस्तार रूस, चीन और अफगानिस्तान के सीमा तक किया था। जब 1947 ईस्वी में भारत आजाद हुआ। आजादी के समय कश्मीर पर डोगरा वंश के शासक राजा हरि सिंह का अधिकार था। राजा हरी सिंह ने आजादी के बाद कश्मीर का भारत में विलय की सहमति दी।
पाक अधिकृत कश्मीर के बारे में जानकारी – About Pak Occupied kashmir
सन 1947 ईस्वी में जब अंग्रेज भारत छोड़कर जाने लगे। तब उन्होंने अपनी ‘फूट डालो’ वाली नीति के तहत भारत को दो दुकड़ों में बाँट कर गये। मुस्लिम बहुल क्षेत्र पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान बना तथा हिन्दु बहुल आबादी वाला क्षेत्र हिंदुस्तान बना।
लेकिन सीमान्त के क्षेत्र कश्मीर पर दोनों ही देशों की निगाह थी। कश्मीर के राजा राजा हरी सिंह ने 26 अक्टूबर 1947 को कश्मीर को भारत में विलय की संधि को मंजूरी दे दी। लेकिन तब तक कश्मीर के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान ने जबरन कब्जा कर लिया।
वह हिस्सा अभी तक पाकिस्तान ने भारत को नहीं लौटाया। उसी हिस्से को पाक अधिकृत कश्मीर कहा जाता है। यहीं से प्रारंभ होती है दास्तान-ए-कश्मीर।
कश्मीर की राजधानी के बारे में जानकारी – About capital of kashmir in Hindi
कश्मीर की राजधानी श्रीनगर है। करीव 103 वर्ग की मि में फैला श्रीनगर, कश्मीर का एक प्रसिद्ध शहर है। समुंदर तल से श्रीनगर की ऊंचाई लगभग 1700 फिट है। श्रीनगर का प्राकृतिक सौंदर्य अत्यंत ही अद्भुत और निराली है।
झेलम नदी के तट पर बसा यह नगर अपनी प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण पूरे विश्व से पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह स्थल अनेकों जातियों, मजहबों, और संस्कृतियों का संगम है। पास में ही स्थित डल झील श्रीनगर की शोभा को और बढ़ा देती है।
कश्मीर की वेशभूषा के बारे में जानकारी – About kashmir costumes in Hindi
कश्मीर की वेशभूषा भी बेहद खास है। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में पुरुष और महिला दोनों अलग-अलग तरह की पारंपरिक पोशाक धारण करते हैं। यहाँ के परंपरिक पोशाक में मुख्य रूप से फ़ेरन का नाम आता है। राज्य का यह पारंपरिक पहनावा, जो पुरुषों और महिलाओं दोनो धारण करती है।
मूल रूप से फेरन ऊन और कपास के मिश्रण से बना शरीर के ऊपरी भाग में पहने जाने वाला परिधान है। कश्मीरी महिलाएं द्वारा सर पर धारण करने वाले दुपट्टा को तरंगा कहा जाता है।
कश्मीर की वादियां खूबसूरती के लिए तो प्रसिद्ध है। इसके साथ ही कश्मीर अपने अलग तरह की ज्वैलरी के लिए भी खास पहचान रखती है। पर्यटक इन आभूषणों से भी बहुत प्रभावित होते हैं। लोग कश्मीर में सैर के साथ वहाँ के परंपरिक पोशाक में भी अपने फोटो सूट कराते हैं।
कश्मीर कि संस्कृति के बारे में जानकारी – About kashmir cultural in Hindi
कहते हैं की कश्मीर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा सांस्कृतिक विरासत के लिए भी फेमस है। यह प्रदेश हिन्दू, मुस्लिम, सिख और बौद्ध समुदाय के परंपराओं और दर्शन का सम्मिलित रूप है।
कश्मीर के त्योहार के बारे में जानकारी – About festivals
of kashmir in Hindi
कश्मीर में कई अवसर पर विशेष सांस्कृतिक उत्सव मनाए जातें हैं। यह त्योहार कश्मीर की संस्कृति और सभ्यता को दर्शाता है। यहां के हिन्दू समुदाय के मुख्य त्योहार में होली, लोहड़ी, नवरात्रि, शिवरात्रि, गुरु रवि दास जयंती बड़ी ही श्रद्धा और भाक्तिपूर्वक मनाई जाती है।
राज्य में मुस्लिम उत्सव में ईद-उल-फितर, ईद उल ज़ुहा, ईद-ए-मिलाद रमजान बेहद खास तरह से मनाये जाते हैं। कश्मीर क इतिहास (History Of Kashmir In Hindi )में ये त्योहार अपना खास महत्व रखता है।
कश्मीर के पर्यटन स्थल के बारे में जानकारी– About tourist places of kashmir in Hindi
वैसे तो पूरा कश्मीर पर्यटन स्थल की तरह है। लेकिन यहाँ के पर्यटन स्थल में जिस खास नाम की ज्यादा चर्चा की जाती है उनके नाम हैं : – कश्मीर के दर्शनीय स्थल के बारे में विस्तार से जाननें के लिए क्लिक करें।
- गुलमर्ग,
- श्रीनगर
- शालीमार बाग,
- हजरत-बाल दरगाह,
- अमरनाथ,
- परी महल इत्यादि।
- हरी पर्वत
- निशात बाग
- शंकराचार्य मंदिर
- अवन्तीपुर
- अनंतनाग
- सोनमर्ग
- वुलर झील
- पहलगाम
- डल झील
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कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म के बारे में जानकारी
अव हम History Of Kashmir In Hindi की अगली कड़ी में कश्मीर पर आधारित फिल्म की चर्चा करेंगे।
शिकारा – द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित, यह फिल्म सन 1990 की दौरन कश्मीर घाटी से कश्मीरी विस्थापित पंडितों के पृष्ठभूमि पर बनी है।
रोजा – कश्मीर की पृष्ठभूमि पर दसरी फिल्म ‘रोजा’ बनाई गई थी। फिल्म में हीरो अरविंद स्वामी और मनीषा कोईराला मुख्य भूमिका में थी।
मां तुझे सलाम – इस फिल्म में सनी देयोल और अरबाज खान मुख्य भूमिका में हैं। जिसमें सनी देओल आर्मी अफसर की भूमिका में हैं।
मिशन कश्मीर – यह फिल्म एक कश्मीर युवक की कहानी पर निर्मित है। इस फिल्म में ऋतिक रोशन, संजय दत्त और प्रीति जिंटा मुख्य भूमिका में हैं।
तहान – इस फिल्म के जरिये कश्मीर की एक कड़वी सच्चाई को दिखाया गया है। इसमें दिखाया गया है की कैसे आतंकियों समूह एक मासूम बच्चा को अपने षड़यंत्र का शिकार बनाती है।
यहां – फिल्म ‘यहां’ में भी कश्मीर के आतंकवाद के बारें में बताया गया है। इसमें फिल्म में जिम्मी शेरगिल मुख्य भूमिका में हैं
फना – इस फिल्म में आमिर खान और कॉजोल मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म फना भी कश्मीर के आतंक पर आधारित लेकिन प्रेम कहानी है।
हैदर – फिल्म ‘हैदर’ एक कश्मीरी युवक की कहानी है। इसमें शाहिद कपूर मुख्य भूमिका में हैं।
उपसंहार- Conclusive Information about history of Kashmir in Hindi
कुछ मौसम में कश्मीर घाटी सुंदर मोनहारी फूलों के कारण इन्द्रधनुषी रंगों में रंगीन हो जाती हैं। फिर कभी बर्फ गिरने से पूरा कश्मीर बर्फ से श्वेत मखमली चादर से ढक जाता है। उस दौरान कश्मीर की ठंड बड़ी ही भयंकर होती है।
इस दौरान गर्म भु-भाग वाले क्षेत्रों से पर्यटक इस मौसम का आनंद लेने कश्मीर पहुंचते हैं। वे सनोफाल का लुफ़त उठाते हैं। पाठकगण आपको कश्मीर के बारे में जानकारी (Information About History Of Kashmir In Hindi ) का यह लेख आपको कैसा लगा अपने कमेंट्स से जरूर अवगत करायें।