Tourist place in Bihar – बिहार के टॉप 11 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
बिहार, चार राज्यों उत्तर प्रदेश, झारखंड, प-बंगाल और एक तरफ से नेपाल देश की सीमा-रेखा से घिरा हुआ है। इसका इतिहास बहुत ही गौरवपूर्ण रहा है। यह धरती बुद्ध, महावीर, और सम्राट अशोक की रही है।
बिहार में अनेकों पर्यटन स्थल हैं। (places to visit in Bihar ), जो अतीति काल से बिहार की धरती को गौरान्वित करती रही है। ये पर्यटक स्थल अपनी एतिहासिक महत्ता के कारण अक्सर ही पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है।
नीचे टॉप 11 famous tourist place in Bihar का वर्णन किया गया है। तो चलिए इनके बारें में संक्षेप में जानते हैं।
Table of Contents
बिहार के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – Tourist place in Bihar
1. प्राचीन शहर पटना
बिहार राज्य की वर्तमान राजधानी पटना पतित पावन गंगा नदी के तट पर वसा एक ऐतिहासिक शहर है। अजातशत्रु ने मगध की राजधानी को राजगृह से स्थानतरित कर पाटलीपुत्र को बनाया।
यही से सम्राट अशोक ने अपने राज्य का संचालन किया। बाद में शेरशाह सूरी ने इसे संवारा और इसका नाम पाटलीपुत्र से बदल कर पटना हो गया।
अतीत काल के गौरवशाली इतिहास के अवशेष आज भी इस शहर में देखे जा सकते हैं। यहॉं के दर्शनीय स्थल में गोलघर, संजय गाँधी जैविक उदधान, पटना साहिब, बड़ी पटन देवी मंदिर, अगम कुआं, प्राचीन पटलीपुत्र के अवशेष आदि प्रमुख हैं।
2. महाबोधि मंदिर गया famous TOURIST PLACE IN BIHAR
यह स्थल बौद्ध धर्म के लिए बेहद ही खास महत्व रखता है। इसी स्थान पर लगभग 2500 वर्ष पहले पीपल वृक्ष के नीचे भगवान बुध ने तप किया था।
कहते हैं की 49 दिनों की कठोर तपस्या के पश्चात वैशाख माह की पूर्णिमासी को उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वह पीपल का वृक्ष बर्तमान में बोधिवृक्ष के नाम से प्रसिद्ध है।
भगवान बुध के जन्म दिवस के अवसर पर विश्वभर के बौद्ध समुदाय के लोग यहां भगवान बुद्ध की पूजा हेतु जमा होते हैं। बौद्ध मन्दिर के अंदर भगवान बुद्ध का पद्माकार आसन है। दुनियाँ भर के पर्यटक का यह आकर्षण का केंद्र था।
3. पित्तरों की मोक्ष स्थली गया
पितरों के तर्पण के लिए गया का विशेष महत्व है। भारत के कोने-कोने से लोग पिंड दान के लिए गया जाते हैं। ऐसी मान्यता है की यहॉं पर पिंड दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पौराणिक कथा के आधार पर कहते हैं की असुर गयासुर ने अपने पिता की हत्या का प्रतिशोध लेने के लिए देवताओं से युद्ध छेड़ दिया था। फलतः स्वयं नारायण को शक्तिशाली असुर गयासुर से लड़ने के लिए आना पड़ा।
भगवान नारायण की इच्छा के अनुसार गयासुर पत्थर में परिवर्तित हो गया। भगवान नारायण ने गयासुर की इच्छाएं पूर्ण करते हुए यह वरदान दिया की जो कोई अपने पूर्वजों का पिण्ड दान इस शिला पर करेगा उसे मुक्ति की प्राप्ति होगी।
तभी से पितरों के उद्धार के लिए गया जाकर पिंड दान करने के परंपरा चली आ रही है। यहां आपको पिण्डदान कराने के लिए पण्डित मिल जाते हैं।
इसी स्थल पर भगवान विष्णु का मन्दिर है। जो विष्णुपाद मंदिर के नाम से विख्यात है। इस मन्दिर की यह विशेषता है कि यहां किसी मूर्ति की पूजा नहीं होती है।
इस प्राचीन मंदिर का जीणोद्धार सन 1789 ईस्वी में रानी अहिल्याबाई द्वारा करवाया गया था। कहते हैं की भगवान राम भी अपने पिता राजा दशरथ के पिंड दान के लिए माता सीता के साथ यहॉं आये थे।
4. राजगीर, मगध की प्राचीन राजधानी
राजगीर जिसका प्राचीन नाम राजगृह था, अपने अंदर एक गौरवशाली इतिहास समेटे हुए है। यहॉं पर गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी ने अपना उपदेश दिया था।
राजगीर में स्थित गर्म पानी के जल स्त्रोतों भी काफी प्रसिद्ध है। कहा जाता है की इन जलस्त्रोतों का जल कई औषधीय गुणों से युक्त है। बिम्बसार के बाद यहॉ अजातशत्रु का शासन हुआ। अजातशत्रु ने अपने पिता को जेल में डाल कर खुद सम्राट बन गया था।
रामायण और महाभारत काल में भी राजगृह का जिक्र मिलता है। महाभारत काल में राजगीर जरासंघ की राजधानी थी। जिसने एक युद्ध में भगवान श्री कृष्ण को रण छोड़ने पर मजबूर कर दिया था।
तभी से भगवान श्रीकृष्ण का नाम रनछोड़ पड़ा। बाद में जरासंघ को महाभारत की लड़ाई में भीम ने वध किया था। बौद्ध धर्म के लिए भी यह स्थान बेहद ही महत्वपूर्ण है।
यहॉं बौद्ध समुदाय के द्वारा विश्व शांति स्तूप की स्थापना की गई है। इसके अलाबा यहाँ जरासंघ का अखाड़ा, पिपला गुफा, बिम्बसार कारागृह, सप्तपर्णी गुफा आदि प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
5. एसिया का सबसे बड़ा पशु मेला, सोनपुर
सोनपुर में विश्व प्रसिद्ध एतिहासिक पशु मेला लगता है। कहते हैं की बिहार में लगने वाला सोनपुर का मेला एसिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। यह मेला कार्तिक मास के पूर्णिमा के दिन से लगता है।
इसे हरिहर क्षेत्र का मेला भी कहा जाता है। मेले में बहुत भीड़ हाती है। देश के कोने-कोने से लोग इस विश्व प्रसिद्ध मेला को देखने जाते हैं।
6. पावापुरी, जैन धर्म का पावन स्थल
इसका नाम एक प्रसिद्ध जैनतीर्थ स्थल में शामिल है। यहां का जल मन्दिर काफी प्रसिद्ध और दर्शनीय है। यहाँ पर भगवान महावीर स्वामी ने निर्वाण(शरीर का त्याग करना) प्राप्त किया।
ऐतिहासिक कथा के अनुसार जब भगवान महावीर के शरीर की पवित्र भस्म को उनके भक्तों ने उठा लिया था। भक्तों की तादाद अनगिनत थी।
फलतः हुआ ये कि जब राख समाप्त हो गई तब राख के स्पर्श से पवित्र हुई मिट्टी को ही भक्त साथ ले जाने लगे। जल्द ही वह स्थान एक विशाल गड्ढे में परिवर्तित हो गया।
इस प्रकार वहां जल निकल आया और उसे पवित्र कमल सरोवर में परिवर्तित कर दिया गया। यह सरोवर कमल के फूलों से भरा पड़ा है।
7. वैशाली, जहाँ विकसित हुआ लिच्छवी गणराज्य
लिच्छवी वंश के राजा इक्ष्वाकु के पुत्र विशाल के नाम पर इस स्थल का नाम पहले विशालपुरी था। कलांतर में यह विशालपुरी से वैशाली कहलाने लगा। लिच्छवी गणराज्य ने सबसे पहले दुनियाँ को प्रजातंत्र का पाठ पढ़ाया।
जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर वर्द्धमान महावीर का जन्म वैशाली की उपनगरी कुम्भग्राम में ही हुआ था। वैशाली महात्मा गांधी सेतु द्वारा पटना से जुड़ा हुआ है।
यहॉं के दर्शनीय स्थल में बौद्ध स्तूप, चतुर्भुज महादेव, म्यूजियम में बुद्ध भस्म, ताम्र मुद्राएं, पुष्पकरिणी, राजा विशाल का किला, मीरजनी की दरगाह, पाल युग का बावन पोखर आदि दर्शनीय हैं।
8. नालन्दा Famous Tourist Place In Bihar
नालंदा प्राचीन काल से ही विश्व विख्यात शिक्षा का केंद्र रहा है। तीसरी शताब्दी में महान सम्राट प्रियदर्शी अशोक ने इसका निर्माण करवाया था। जहाँ विश्व भर से लोग ज्ञान अर्जन के लिए आते थे।
कहा जाता जाता है कि नालन्दा, दुनियाँ का प्राचीनतम विश्वविद्यालय है। चीनी भ्रमणकारी ह्वेनसांग ने यही पर शिक्षा ग्रहण की थी। इस बख्तियार खिलजी ने नष्ट कर दिया था जिसके अवशेष नालंदा में देखे जा सकते हैं।
9. एतिहासिक नगरी मुंगेर
मुंगेर, बिहार के आखिरी नवाब मीरकासिम की राजधानी थी। उनके द्वारा निर्मित किले के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। रामायण और महाभारत काल में भी इसका जिक्र आता है।
कहते हैं की उस बक्त मुंगेर का नाम मोदगिरि था। यहाँ जल के बीच टापू पर सीता चरण मन्दिर है। जिसके पास ही में सीता कुंड अवस्थित है। कहते हैं की सीताजी की अग्नि-परीक्षा के समय इस कुण्ड का उद्भव हुआ था।
सीता-कुण्ड से 10 कि.मी. दूर स्थित है ऋषिकुण्ड, यहाँ गर्म का जल कुण्ड है। प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु इस स्थान पर दर्शन करने को आते हैं। मुंगेर का संबंध महाभारत के अंगराज कर्ण से भी रहा है।
10. भागलपुर, जहाँ था प्राचीन विक्रमशीला विश्व विध्यालय
भागलपुर बिहार की राजधानी पटना से लगभग 200 किमी की दूरी पर स्थित है। पतित पावन गंगा नदी के तट पर बसा यह ऐतिहासिक शहर चम्पानगरी के नाम से प्रसिद्ध था। प्राचीनकाल में यह अंग देश की राजधानी थी।
यह भारत का प्रमुख सिल्क उत्पादक शहर कहलाता है। नालंदा के बाद विक्रमशीला विश्व विध्यालय शिक्षा क बहुत बड़ा केंद्र था। जिसका अवशेष देखा नित्य हजारों पर्यटक आते हैं।
11. शेरशाह सूरी का मकबरा, सासाराम Sher Shah Suri Tomb
यह स्थान महान शासक शेरशाह सूरी के मकबरे के लिए प्रसिद्ध है। शेरशाह सूरी जिसने मुगल बादशाह को पराजित कर पटना शहर को आबाद किया। सन 1998 ईस्वी में उनेस्को ने इसे विश्व विरासत की सूची मे शामिल किया।
Image credit : PP Yoonus -commons.wikimedia.org
अफगानी स्थापत्य कला शैली में बना यह मकबरा सासाराम जिले में अवस्थित है। सासाराम रेलवे स्टेशन से चंद किमी दूर यह मकबरा अपनी अद्भुत नक्कासी के कारण आकर्षण का केंद्र है।
अगर आप list of tourist places in Bihar यह visiting places in Bihar अथवा tourist place bihar in Hindi में जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए मददगार हो सकता है।
दोस्तों बिहार के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल (Famous Tourist Place In Bihar ) के बारें में यह जानकारी कैसी लगी अपने कमेंट्स से जरूर अवगत करायें।
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