ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची 2024 : ज्ञानपीठ पुरस्कार (Gyanpeeth Puraskar)भारत का साहित्य के क्षेत्र में प्रदान किए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। इस लेख में ज्ञानपीठ पुरस्कार कब, क्यों और किसे प्रदान किया जाता है, सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार के बारे में (About Jnanpith Award in Hindi)
यह (Gyanpeeth puraskar) भारतीय साहित्य के क्षेत्र में प्रदान किये जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। यह पुरस्कार भारत में साहित्य जगत का सबसे पुराना पुरस्कार है। जिसे हर वर्ष भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए प्रदान दिया जाता है।
इस पुरस्कार की शुरुआत भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन के 50 वें जन्म दिवस के अवसर पर 1961 में हुई। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार (Gyanpeeth Award )मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को 1965 में प्रदान किया गया था।
अब तक करीब 60 से अधिक साहित्यकारों को इस पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुका है। यह पुरस्कार केवल जीवित साहित्यकारों को ही दिया जाता है, मरणोपरांत यह पुरस्कार नहीं प्रदान किया जाता।
साहित्य के सर्वोच्च सम्मान के तहद 11 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है। इसके आलावा इसमें एक प्रशस्तिपत्र तथा देवी सरस्वती की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है।
भारतीय ज्ञानपीठ न्यास इस पुरस्कार के अंतर्गत भारत के संविधान में सम्मिलित 22 भारतीय भाषाओँ में रचना करने वाले लेखकों को सम्मानित किया जाता है। प्रारंभ में इस पुरस्कार में अंग्रेजी भाषा को सम्मिलित नहीं किया गया था।
लेकिन 49वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद अंग्रेजी को भी इस पुरस्कार (gyanpith puraskar ) के लिए सम्मिलित कर लिया गया। ज्ञानपीठ सम्मान पाने वाली पहली महिला लेखिका शापूर्णा देवी थीं, जिन्हें 1976 में बंगाला साहित्य के लिए यह पुरस्कार मिला।
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची और चयन प्रक्रिया –
इस पुरस्कार की शुरुआत 1965 ईस्वी में हुई थी। यह पुरस्कार सांस्कृतिक संगठन भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रायोजित किया जाता है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार की चयन की प्रक्रिया बेहद ही जटिल है और कई महीनों के बाद विजेता के बारें में निर्णय लिया जाता है। विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों के प्रस्ताव आने के बाद निर्णायक मंडल द्वारा इसकी जाँच की जाती है।
निर्णायक मंडल को किसी भी साहित्यकार के नाम पर विचार करने की स्वतंत्रता है। अगर किसी लेखक को एक बार यह पुरस्कार मिल चुका हैं तो उसे अगले 3 साल तक दुबारा उनके नाम पर विचार नहीं किया जाता है।
28 वें ज्ञानपीठ पुरस्कार (Gyanpeeth Award ) के नियम में किए गए संशोधन के आधार पर पुरस्कार वर्ष को छोड़कर पिछले 20 साल में प्रकाशित कृतियों के आधार पर साहित्यकार का मूल्यांकन किया जाता है।
अंत में ‘भाषा परामर्श समिति’ के गहन चिंतन और पर्यालोचन के बाद ही पुरस्कार के लिए साहित्यकार के नाम का अंतिम चयन होता है। भारतीय ज्ञानपीठ के न्यास मंडल का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।
पुरस्कार में प्रदान की जाने वाली चीज
इस पुरस्कार में 11 लाख रुपये, एक प्रशस्तिपत्र और एक कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है। सन 1965 ईस्वी में जब इस पुरस्कार की शुरुआत हुई थी। उस वक्त नकद राशी के रूप में 1 लाख रुपये प्रदान किए जाते थे।
लेकिन इस राशि को बढ़ाकर 11 लाख रुपये कर दिया गया। इस पुरस्कार में प्रदान की जाने वाली कांस्य मूर्ति की अनुकृती थार स्थित मालवा के सरस्वती मंदिर से ली गयी है।
इस प्रतिमा के पीछे बने प्रभामंडल में बने तीन रश्मिपुंज भारत के प्राचीनतम जैन तोरण द्वारा को निरूपित करती है। माँ सरस्वती के हाथ में कमंडल, पुस्तक, कमल और अक्षमाला, ज्ञान तथा आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि के प्रतीक हैं।
शुरुआत में इस पुरस्कार को लेखक के किसी खास रचना के लिए प्रदान किया जाता था। लेकिन वर्ष 1982 के बाद यह किसी भी भारतीय साहित्यकार को साहित्य के क्षेत्र में सम्पूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले साहित्यकारों के नाम
ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार
ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले हिंदी के प्रथम साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत थे। सुमित्रानंदन पंत को यह पुरस्कार 1968 में उनकी साहित्यिक रचना चिदम्बरा के लिए प्रदान किया गया। प्रसिद्ध साहित्यकार अज्ञेय को ज्ञानपीठ पुरस्कार उनकी रचना “कितनी नावों में कितनी बार” पर मिला।
अज्ञेय को यह पुरस्कार 1978 में प्रदान किया गया था। महादेवी वर्मा को उनकी कृति काव्य संकलन “यामा” के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था। यह पुरस्कार उन्हें 1982 में प्रदान किया गया था।
भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता प्रथम महिला हिंदी साहित्यकार महादेवी वर्मा है। अब तक जिन हिन्दी साहित्यकारों को यह पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है उनके नाम हैं: –
ज्ञानपीठ पुरस्कार हिंदी लेखक List
सुमित्रानंदन पंत, रामधारी सिंह दिनकर, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय, महादेवी वर्मा, नरेश मेहता, निर्मल वर्मा, कुंवर नारायण, केदारनाथ सिंह, अमरकान्त , श्रीलाल शुक्ल, कृष्णा सोबती आदि नाम शामिल हैं।
ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले मलयालम साहित्यकार
इस पुरस्कार को पाने वाले मलयालम साहित्यकार –
- जी शंकर कुरुप,
- एस.के. पोट्टेकट,
- तक्षी शिवशंकरा पिल्लई,
- एमटी वासुदेव नायर,
- ओएनवी कुरुप
- अक्कीतम अच्युतन नंबूदिरी
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता बांग्ला साहित्यकार –
इस पुरस्कार पाने वाले बँगला साहित्यकार के नाम : – ताराशंकर बंधोपाध्याय, विष्णु डे, आशापूर्णा देवी, सुभाष मुखोपाध्याय और महाश्वेता देवी हैं।
इस पुरस्कार पाने वाले कन्नड साहित्यकार
इस पुरस्कार पाने वाले कन्नड़ साहित्यकार के नाम केवी पुत्तपा, दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे, के. शिवराम कारंत, मस्ती वेंकटेश अयंगर, वी.के.गोकक, गिरीश कर्नाड, यूआर अनंतमूर्ति और चन्द्रशेखर कम्बार हैं।
ज्ञान पीठ पाने वाले उर्दू साहित्यकार के नाम
ज्ञान पीठ पाने वाले उर्दू साहित्यकार में फिराक गोरखपुरी, कुर्तुल एन. हैदर, अली सरदार जाफरी, अखलाक मुहम्मद खान शहरयार का नाम आता है।
तेलगू साहित्यकार
इस पुरस्कार पाने वाले तेलगू साहित्यकार में विश्वनाथ सत्यनारायण, डॉ. सी नारायण रेड्डी, रावुरी भारद्वाज के नाम हैं।
तमिल साहित्यकार
तमिल साहित्यकार जिन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया उनके नाम पी.वी. अकिलानंदम, दण्डपाणी जयकान्तन हैं।
उड़िया साहित्यकार
उड़िया साहित्यकार जिन्होंने यह पुरस्कार प्राप्त किये उनके नाम गोपीनाथ महान्ती, सच्चिदानंद राउतराय, सीताकांत महापात्र और प्रतिभा राय हैं।
ज्ञानपीठ पुरस्कार लिस्ट मराठी
इस पुरस्कार पाने वाले मराठी साहित्यकार में विश्वनाथ विष्णु सखा खांडेकर, विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रज, विंदा करंदीकर, भालचन्द्र नेमाड़े के नाम हैं।
गुजराती भाषा के साहित्यकार
गुजराती साहित्यकार जिन्हें यह पुरस्कार मिला उनके नाम उमाशंकर जोशी, पन्नालाल पटेल, राजेन्द्र केशवलाल शाह, रघुवीर चौधरी हैं।
असमिया भाषा के साहित्यकार
इस पुरस्कार को पाने वाले असमिया भाषा के साहित्यकार के नाम बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य, इंदिरा गोस्वामी हैं।
पंजाबी साहित्यकार
ज्ञानपीठ पाने वाले पंजाबी साहित्यकार में अमृता प्रीतम, गुरदयाल सिंह का नाम आता है।
संस्कृत साहित्यकार
संस्कृत साहित्य के लिए सत्यव्रत शास्त्री को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ।
कश्मीरी साहित्यकार
कश्मीरी साहित्य के लिए रहमान राही को इस पुरस्कार से नबाजा गया।
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची 1965 से 2024 तक- Jnanpith Award winners list
क्रमांक | ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता | साहित्यिक भाषा | वर्ष |
---|---|---|---|
1 | जी शंकर कुरुप | मलयालम | 1965 |
2 | ताराशंकर बंधोपाध्याय | बांग्ला | 1966 |
3 | केवी पुत्तपा और उमाशंकर जोशी | कन्नड़, गुजराती | 1967 |
4 | सुमित्रानंदन पंत | हिन्दी | 1968 |
5 | फिराक गोरखपुरी | उर्दू | 1969 |
6 | विश्वनाथ सत्यनारायण | तेलुगु | 1970 |
7 | विष्णु डे | बांग्ला | 1971 |
8 | रामधारी सिंह दिनकर | हिन्दी | 1972 |
9 | डी आर बेन्द्रे और गोपीनाथ महान्ती | कन्नड़, ओड़िया | 1973 |
10 | विष्णु सखा खांडेकर | मराठी | 1974 |
11 | पी.वी. अकिलानंदम | तमिल | 1975 |
12 | आशापूर्णा देवी | बांग्ला | 1976 |
13 | के. शिवराम कारंत | कन्नड़ | 1977 |
14 | एच. एस. अज्ञेय | हिन्दी | 1978 |
15 | बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य | असमिया | 1979 |
16 | एस.के. पोट्टेकट | मलयालम | 1980 |
17 | अमृता प्रीतम | पंजाबी | 1981 |
18 | महादेवी वर्मा | हिन्दी | 1982 |
19 | मस्ती वेंकटेश अयंगर | कन्नड़ | 1983 |
20 | तक्षी शिवशंकरा पिल्लई | मलयालम | 1983 |
21 | पन्नालाल पटेल | गुजराती | 1985 |
22 | सच्चिदानंद राउतराय | ओड़िया | 1986 |
23 | विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रज | मराठी | 1987 |
24 | डॉ. सी नारायण रेड्डी | तेलुगु | 1988 |
25 | कुर्तुल एन. हैदर | उर्दू | 1989 |
26 | वी.के.गोकक | कन्नड़ | 1990 |
27 | सुभाष मुखोपाध्याय | बांग्ला | 1991 |
28 | नरेश मेहता | हिन्दी | 1992 |
29 | सीताकांत महापात्र | ओड़िया | 1993 |
30 | यूआर अनंतमूर्ति | कन्नड़ | 1994 |
31 | एमटी वासुदेव नायर | मलयालम | 1995 |
32 | महाश्वेता देवी | बांग्ला | 1996 |
33 | अली सरदार जाफरी | उर्दू | 1997 |
34 | गिरीश कर्नाड | कन्नड़ | 1998 |
35 | निर्मल वर्मा और गुरदयाल सिंह | हिन्दी, पंजाबी | 1999 |
36 | इंदिरा गोस्वामी | असमिया | 2000 |
37 | राजेन्द्र केशवलाल शाह | गुजराती | 2001 |
38 | दण्डपाणी जयकान्तन | तमिल | 2002 |
39 | विंदा करंदीकर | मराठी | 2003 |
40 | रहमान राही | कश्मीरी | 2004 |
41 | कुंवर नारायण | हिन्दी | 2005 |
42 | रवीन्द्र केलकर(कोंकणी), सत्यव्रत शास्त्री(संस्कृत) | कोंकणी, संस्कृत | 2006 |
43 | ओएनवी कुरुप | मलयालम | 2007 |
44 | अखलाक मुहम्मद खान शहरयार | उर्दू | 2008 |
45 | अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल | हिन्दी | 2009 |
46 | चन्द्रशेखर कम्बार | कन्नड़ | 2010 |
47 | प्रतिभा राय | ओड़िया | 2011 |
48 | रावुरी भारद्वाज | तेलुगू | 2012 |
49 | केदारनाथ सिंह, अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल | हिन्दी | 2013 |
50 | भालचन्द्र नेमाड़े | मराठी | 2014 |
51 | रघुवीर चौधरी | गुजराती | 2015 |
52 | शंख घोष | बांग्ला | 2016 |
53 | कृष्ण सोवती | हिन्दी | 2017 |
54 | अमिताभ घोष | अंग्रेजी | 2018 |
55 | अक्कीतम अच्युतन नंबूदिरी | मलयालम | 2019 |
56 | नीलमणि फूकन | असमिया | 2021 |
57 | दामोदर मौजो | कोंकणी | 2022 |
ज्ञानपीठ पुरस्कार की शुरुआत कब हुई ?
इस पुरस्कार की शुरुआत 1965 में हुई। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयालम साहित्यकार को मिला।
सुमित्रानंदन पंत को ज्ञानपीठ पुरस्कार कब मिला?
हिन्दी साहित्य के लिए सुमित्रानंदन पंत को यह पुरसकर 1968 में मिला।
56 वा ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे दिया गया ?
वर्ष 2021 में असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन को 56 वा ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया।
58 वां ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे मिला?
58 वां ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा बाकी है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार कितने क्षेत्र में दिया जाता है?
साहित्य का यह प्रसिद्ध पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारत के आठवीं अनुसूची में वर्णित 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा के भारतीय साहित्यकार को दिया जाता है।
आपको ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची 2024 (Gyanpeeth Puraskar ) से संबंधित जानकारी अच्छी लगी होगी। अपने कमेंट्स और सुझाव से जरूर अवगत करायें।
स्रोत: भारतीय ज्ञानपीठ
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