वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी की जीवनी | Biography of Aravind Krishna Joshi in Hindi

अरविंद कृष्ण जोशी (Aravind Krishna Joshi ) पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग में कंप्यूटर और संज्ञानात्मक विज्ञान के हेनरी सल्वाटोरी प्रोफेसर थे।

प्रो अरविंद कृष्ण जोशी को कंप्युटर से संबंधित “tree-adjoining grammars पर विशेष कार्य के लिए जाना जाता है। डॉ जोशी का शोध कंप्यूटर विज्ञान और भाषा विज्ञान के प्रतिच्छेदन(intersection) पर आधारित रहा।

उनके योगदान से मानव भाषाओं के विश्लेषण, कृत्रिम बुद्धि(artificial intelligence) और जैविक गणना(biological computation) में मदद मिली। वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी ने अपने 88 वर्ष के जीवनकाल में विज्ञान से संबंधित अनेकों कार्य कीये।

अरविंद कृष्ण जोशी की जीवनी | BIOGRAPHY OF ARAVIND KRISHNA JOSHI IN HINDI

अरविंद जोशी ने कई पुस्तकों और कम्प्यूटेशनल भाषा विज्ञान पर करीब 100 से ज्यादा शोध लेखों की रचना की। आईए प्रसिद्ध वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी की जीवनी (biography of Aravind Krishna Joshi in hindi) संक्षेप में जानते हैं।

वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी की जीवनी – Biography of Aravind Krishna Joshi in Hindi

प्रारंभिक जीवन जन्म व शिक्षा

वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी का जन्म 05 अगस्त 1929 को भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे में हुआ था। डॉ. अरविंद कृष्ण जोशी ने सन 1950 में भारत के पुणे विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक(B.E) की डिग्री प्राप्त की।

उसे बाद बंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (The Indian Institute of Science (IISc) से डीआईआईएससी (DIISC) हासिल किया। उसके बाद पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से 1958 में मास्टर डिग्री प्राप्त की।

अरविंद कृष्ण जोशी एक स्नातक छात्र के रूप में प्रो  Zellig S. Harris and Henry Hiz के नेतृत्व वाली टीम में भी शामिल थे। जिन्होंने 1959 में पहला प्राकृतिक भाषा पार्सर(parser) का निर्माण किया था।

अपने लगन और मेहनत से शोध कार्य करते हुए उन्होंने सन 1960 में पेन यूनिवर्सिटी से पीएचडी प्राप्त किया।

कैरियर

डॉ. अरविंद कृष्ण जोशी पीएचडी पूरा करने के बाद सन 1961 में पेन विश्वविध्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। आगे चलकर सन 1964 में उन्हें कम्पुटर भाषा विज्ञान विभाग में secondary appointment मिली।

अपनी पूर्ण लगन से कार्य करते हुए डॉ जोशी सन 1967 में एसोसिएट प्रोफेसर बने। एसोसिएट प्रोफेसर बनने के करीव 5 साल बाद सन 1972 में वे पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर बनाए गए।

1983 में, डॉ. जोशी कंप्यूटर और संज्ञानात्मक विज्ञान के हेनरी सल्वाटोरी प्रोफेसर बने। सन 2012 तक अपने सेवा देने के बाद एमेरिटस(emeritus) बन गए।

एमेरिटस एक उपाधि है जो संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों में उस प्रोफेसर को प्रदान की जाती है। जिन्होंने पूर्णकालीन रूप से एक प्रोफेसर के रूप में सेवा देते हुए रिटाइर होते हैं। उन्होंने सन 1975 में एसीएल(ACL) प्रेसीडेंट के रूप में भी कार्य किया।

पारिवारिक जीवन

डॉ. अरविंद कृष्ण जोशी की पत्नी का नाम सुसान (हेनर) है। उन्हें दो बेटियाँ थी जिनके नाम श्यामला और मीरा है।

कार्य व योगदान

प्रोफेसर अरविंद कृष्ण जोशी ने अपने जीवन को सूचना और संचार सिद्धांत के लिए समर्पित कर दिया था। उन्हें मुख्य रूप से सूचना सिद्धांत और औपचारिक भाषाविज्ञान के बीच ओवरलैप की जांच करने में विशेषज्ञता हासिल थी।

प्रो अरविंद कृष्ण जोशी का कंप्यूटर विज्ञान और भाषा विज्ञान के intersection पर केंद्रित था। डॉ जोशी ने गणितीय भाषा विज्ञान (mathematics of linguistic) का विकास किया जो tree-adjoining grammars के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

इनकी इस खोज से मानव भाषाओं के विश्लेषण में सहायता मिली, साथ ही कृत्रिम बुद्धि और जैविक गणना (artificial intelligence and biological computation) के विकास में मदद मिली।

सन 1990 में प्रो अरविंद कृष्ण जोशी और डॉ. ग्लीटमैन ने मिलकर पेन इंस्टीट्यूट फॉर कोऑपरेटिव रिसर्च इन कॉग्निटिव साइंस की स्थापना की।

सम्मान व पुरस्कार        

अरविंद कृष्ण जोशी को कंप्युटर विज्ञान में अहम योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए। उन्हें कई प्रसिद्ध संस्थान ने अपने फ़ेलो बनाकर सम्मानित किया।

  • वर्ष 1997 – अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (IJCAI) पुरस्कार
  • वर्ष 2005- कंप्यूटर और संज्ञानात्मक विज्ञान में बेंजामिन फ्रैंकलिन पदक
  • वर्ष 2003 – संज्ञानात्मक विज्ञान सोसायटी द्वारा डेविड रुमेलहार्ट पुरस्कार
  • वर्ष 2002 – कम्प्यूटेशनल भाषाविज्ञान संघ द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

वर्ष 2002 में एसीएल की 40वीं वर्षगांठ की बैठक में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित होने वाले अरविंद कृष्ण जोशी पहले व्यक्ति हैं।

इसके साथ ही वे गुगेनहाइम फेलो(Guggenheim Fellowships), इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) के फेलो चुने गए।

साथ ही वे अमेरिकन एसोसिएशन फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AAAI) के संस्थापक फेलो, कम्प्यूटिंग मशीनरी एसोसिएशन के फेलो(सदस्य) थे।

डॉक्टरेट की मानद उपाधि

प्रोफेसर अरविंद जोशी को गणितीय भाषाविज्ञान के क्षेत्र में चार्ल्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरविंद जोशी को यह पुरस्कार ऐतिहासिक कैरोलिना बिल्डिंग के ग्रेट हॉल में प्रदान किया गया।

यह सम्मान उन्हें कंप्यूटर और औपचारिक भाषाविज्ञान में उनके असाधारण कार्य और चार्ल्स विश्वविद्यालय में अनुसंधान के विकास में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्राप्त हुआ।

अरविंद कृष्ण जोशी का निधन

एक कंप्युटर विज्ञानी के रूप में अपने जीवन को डॉ. अरविंद कृष्ण जोशी ने समर्पित कर दिया। महान वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी का 88 साल की उम्र में 31 दिसंबर 2017 को निधन हो गया।

उनका शोध कंप्यूटर विज्ञान और भाषा विज्ञान को ओवरलैप की समस्याओं पर केंद्रित था। उनके द्वारा लिखित पुस्तक में ‘Elements of discourse understanding‘, और Proceedings of the 34th annual meeting on Association for Computational Linguistics प्रसिद्ध हैं।

आपको वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी की जीवनी (Biography of Aravind Krishna Joshi in hindi ) जरूर अच्छी लगी होगी, अपने कमेंट्स से जरूर अवगत करायें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (F.A.Q)

  1. अरविंद कृष्ण जोशी कौन हैं।

    अरविंद कृष्ण जोशी एक प्रसिद्ध कम्पुटर विज्ञानी हैं।

  2. वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी का जन्म कहाँ हुआ था?

    प्रो जोशी का जन्म भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे में हुआ था।

  3. वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी का जन्म कब हुआ?

    प्रो अरविंद कृष्ण जोशी का जन्म 05 अगस्त 1929 को पुणे महाराष्ट्र में हुआ था।

  4. प्रो अरविंद कृष्ण जोशी की मृत्यु कब हुई।

    प्रसिद्ध वैज्ञानिक अरविंद कृष्ण जोशी की मृत्यु 31 दिसंबर 2017 को 88 साल की उम्र में अमेरिका में हुई।


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