गणितज्ञ सुजाता रामदोराई की जीवनी | Biography of Sujata Ramdorai in Hindi

गणितज्ञ सुजाता रामदोराई की जीवनी | Biography of Sujata Ramdorai in Hindi

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आईसीटीपी रामानुजन पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय – Sujatha Ramdorai – Professor of mathematics

 सुजाता रामदोराई कौन है?

सुजाता रामदोरई एक भारतीय गणितज्ञ हैं, जो पहले TIFR मुंबई में गणित की प्रोफेसर थी। उन्हें वर्ष 2006 में गणित का सबसे बड़े सम्मान रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार को पाने वाली वह प्रथम भारतीय हैं।

इससे पहले 2004 में उन्हें, भारत का विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान “शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। डॉ सुजाता कोलंबिया विश्वविद्यालय, कनाडा से भी जुडी हुई हैं।

गणितज्ञ सुजाता रामदोराई की जीवनी | Biography of Sujata Ramdorai in Hindi
सुजाता रामदोराई की जीवनी

गणितज्ञ सुजाता रामदोरई एक बीजगणितीय संख्या सिद्धांतकार के रूप में इवासावा सिद्धांत पर काम करने के लिए प्रसिद्ध हैं। आईए इस लेख में सुजाता रामदोराई की जीवनी (Biography of Sujata Ramdorai in hindi) को विस्तार से जानते हैं।

गणितज्ञ सुजाता रामदोराई की जीवनी – Biography of Sujata Ramdorai in Hindi

सुजाता रामदोराई की जीवनी एक झलक

पूरा नामसुजाता रामदोराई (Sujata Ramdorai)
जन्म तिथि23 मई 1962
जन्म स्थानबंगलुरु, कर्नाटक भारत
पति का नामश्रीनिवास रामदोराई
प्रसिद्धिबीजगणित में उत्कृष्ट कार्य के लिए

बचपन व प्रारंभिक जीवन :

प्रसिद्ध गणितज्ञ सुजाता रामदोरई का जन्म 23 मई 1962 को सिलिकॉन सिटी के नाम से मशहूर बंगलुरु में हुआ था। इन्होंने बंगलुरु के सेंट जांसेफ कॉलेज से अपना B.Sc सन 1982 मे पूरी की।

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उसके बाद सन 1985 में अन्नामाई विश्वाविध्यालय से डिस्टेंस लर्निंग कोर्स के माध्याम से अपना पोस्ट ग्रैजूइट(M.Sc.) तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद डॉ सुजाता टाटा इंस्टीटयूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मे पीएचडी के लिए चली गई थी।

तत्पश्चात सूजाता रामदोरई ने पीएचडी की डिग्री के लिए रमन परिमाला के मार्ग दर्शन में शोध करने लगी। इस प्रकार उन्हें गणित में शोध करते हुए 1992 में पीएचडी प्राप्त हुआ।

कैरीयर

डॉ सुजाता अपने कैरियर में कई अहम मुकाम हासिल की। प्रो रामदोरई वर्तमान में टाटा इंस्टीटयूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई के स्कूल आफ मैथमैटिक्स में प्रोफेसर के रूप में कई वर्ष तक कार्य किया। वे इस इंस्टिट्यूट से सन 1985 में ही जुड़ गई थी।  

वे कनाडा स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय, से भी जुडी। अपने कैरीयर में वर्ष 2007 से 2009 के बीच राष्ट्रीय ज्ञान आयोग की सदस्य भी रहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवा प्रदान की।

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कार्य व उप्लावधियाँ

डॉ. रामदोराई ने द्विघात रूपों के बीजगणितीय सिद्धांत, अंकगणितीय ज्यामिति के क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय काम किया। शुरुआत में उनका कार्य द्विघात रूपों के बीज गणितीय सिद्धांत पर केंद्रित था।

इसके बाद उन्होंने बीजगणित से संबंधित अंकगणित पर काम किया। उन्होंने जापानी गणितज्ञ ‘केनकिची इवासावा” द्वारा विकसित एक सिद्धांत जो इवासावा सिद्धांत से प्रसिद्ध है, उस पर उन्होंने व्यापक कार्य किया।

आगे चलकर उन्होंने इवासावा सिद्धांत(Iwasawa theory) के मुख्य अनुमान का एक गैर-अनुवांशिक संस्करण तैयार करने में सफलता हासिल की। उन्हें जटिल ज्यामिति, टोपोलॉजी, संख्या सिद्धांत और क्रिप्टोग्राफी के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है।

योगदान

गणित के क्षेत्र में उनका व्यापक योगदान माना जाता है। खासकर बीजगणित में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य कर विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

उनकी नॉन-कम्यूटेटिव इवासावा सिद्धांत,बीजगणितीय किस्मों का अंकगणित के लिए अलग पहचान है। डॉ. रामादुरई विज्ञान में महिलाओं के भागीदारी की हमेशा वकालत करती रही हैं।

उनसे प्रेरित होकर अनेकों लोगों ने गणित और विज्ञान में अपना करियर बनाने के लिए इस फील्ड को चुना। उन्होंने अपने पति श्रीनिवासन रामदोराई के साथ मिलकर आंध्रप्रदेश के चित्तूर में रामानुजन मठ पार्क के निर्माण में योगदान दिया।

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गणित की शिक्षा के लिए समर्पित इस पार्क का उद्घाटन 2017 में किया गया। उन्होंने यह पार्क भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के सम्मान में बनवाया।

सुजाता रामदोराई की जीवनी - Biography of Sujata Ramdorai in Hindi
सुजाता रामदोराई की जीवनी

पुरस्कार व सम्मान

  • वर्ष 2004 में उन्हें भारत का सबसे बड़ा विज्ञान का पुरस्कार शांति स्वरूप भटनागर प्रदान किया गया।
  • वर्ष 2006 में उन्हें गणित में उत्कृष्ट कार्य के लिए इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स (ICTP ) द्वारा प्रतिष्ठित रामानुजन पुरस्कार से अलंकृत किया गया। इस पुरस्कार को पाने वाली वे प्रथम भारतीय गणितज्ञ वैज्ञानिक हैं।
  • वर्ष 2020 में गणित में उत्कृष्ट योगदान के लिए क्राइगर-नेल्सन पुरस्कार(Krieger–Nelson Prize) से सम्मानित हुई।
  • 1997 -1998 के दौरण वे अलेक्जेंडर वॉन इम्बोल्डा फेलो नामित हुई।

F.A.Q

  1. Q.सुजाता रामदोराई कौन हैं।

    सुजाता रामदोराई एक भारतीय गणितज्ञ हैं। जो रामानुजन पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय थी।

  2. Q.प्रो सुजाता रामदोराई का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

    प्रो सुजाता रामदोराई का जन्म 1962 में कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में हुआ था।

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मैं अमित कुमार, “Hindi info world” वेबसाइट के सह-संस्थापक और लेखक हूँ। मैं एक स्नातकोत्तर हूँ. मुझे बहुमूल्य जानकारी लिखना और साझा करना पसंद है। आपका हमारी वेबसाइट https://nikhilbharat.com पर स्वागत है।

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