त्रिपुरा (State of India) पूर्वोत्तर भारत का छोटा तथा सबसे मनोरम पहाड़ी प्रदेश है। प्राकृतिक सौन्दर्य के दृष्टिकोण से त्रिपुरा बहुत ही सुंदर प्रदेश है। प्राकृतिक सौंदरता से सुशोभित यह प्रदेश, घने जंगल, पहाड़ों, नदियों, जलप्रपातों से आच्छादित हैं।
यहाँ का मौसम साल भर सुहावना रहता है। स्वास्थ की दृष्टि से यहाँ की जलवायु बड़ा ही लाभप्रद है। त्रिपुरा महान संगीतकार सचिन देव बर्मन की जन्म भूमि है।
क्षेत्रफल की दृष्टिकोण से यह राज्य भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य है। पर्यटन के दृष्टि से यह प्रदेश काफी उन्नत है। यह प्रदेश चाय और जुट उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
हस्तशिल्प उद्योग विशेष कर बुनाई और हथकरघा उद्योग अग्रणी राज्य है। यहाँ वेत की लकड़ी से बने खूबसूरत कुर्सी व अन्य ढेरों समान मिलते हैं।
इस लेख में त्रिपुरा की समस्त जानकारी (Information about Tripura in Hindi) जैसे – त्रिपुरा की झील, त्रिपुरा का इतिहास, त्रिपुरा का प्राचीन इतिहास, त्रिपुरा का धर्म, त्रिपुरा की भाषा वर्णन है।
साथ ही इसमें त्रिपुरा का नक्शा, त्रिपुरा का खान पान, त्रिपुरा की लोक संस्कृति, त्रिपुरा का पहनावा और त्रिपुरा के त्योहार आदि की जानकारी वर्णित है।
त्रिपुरा की सम्पूर्ण जानकारी – Information about Tripura in Hindi
त्रिपुरा की जानकारी संक्षेप में
राज्य का नाम | त्रिपुरा (Tripura) |
त्रिपुरा की राजधानी | अगरतला (Agartala) |
स्थापना दिवस | 21 जनवरी 1972 |
त्रिपुरा का क्षेत्रफल | 10, 491.69 वर्ग कि.मी. |
त्रिपुरा का राजकीय पशु(State Animal) | फायरे लंगूर |
त्रिपुरा की राजकीय पक्षी(State Bird) | हरा कबूतर |
त्रिपुरा की राजकीय फूल(State flower) | नागेश्वर |
त्रिपुरा की राजकीय वृक्ष(State Tree) | अगर |
त्रिपुरा के प्रथम राज्यपाल | बी. के. नेहरू |
त्रिपुरा के प्रथम मुख्यमंत्री | सचिन्द्र लाल सिंह |
त्रिपुरा में कुल जिले की संख्या | 08 |
राज्य में लोकसभा की कुल सीटें | 02 |
राज्य में राज्यसभा की कुल सीटें | 01 |
विधानसभा की कुल सीटें | 60 |
इस राज्य का नाम त्रिपुरा क्यों पड़ा?
त्रिपुरा राज्य के नाम का इतिहास बताता है की यहाँ तिपरा नामक प्रमुख जनजाति रहती थी। इसी तिपरा नामक जनजाति के नाम पर इस राज्य का नाम त्रिपुरा रखा गया।
लेकिन कुछ विद्वानों के अनुसार ययाति वंश के राजा ‘त्रिपुर’ के नाम पर इस प्रदेश का नाम त्रिपुरा पड़ा। त्रिपुर राजा की चर्चा यहाँ की किस्से और कहानियों में भी मिलती है।
वहीं कुछ लोगों का मानना है की हिन्दू देवी त्रिपुर सुन्दरी के नाम पर इस प्रदेश का नाम त्रिपुरा पड़ा।
त्रिपुरा का इतिहास – History of Tripura in Hindi
त्रिपुरा का प्राचीन इतिहास अपने अंदर कई इतिहसिक विरासत को समाहित किए हुए है। त्रिपुरा का प्राचीन नाम कीरत देश था। लेकिन इनके समय व काल को लेकर विद्वानों में मतांतर है।
भारत के राज्य त्रिपुरा का इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है। कहते हैं की इस प्रदेश का उल्लेख हिन्दू धर्म ग्रंथों और अशोक के शिलालेख में भी मिलता है।
त्रिपुरा की स्थापना का इतिहास
त्रिपुरा की आदिवासी में से एक तिपस नामक आदिवासी भी है। माना जाता है की इसी जनजाति के पूर्वज इस क्षेत्र के कभी शासक थे। साथ ही यह प्रदेश माणिक्य जनजाति का भी निवास स्थल माना जाता है।
कुछ इतिहासकारों के अनुसार माणिक्य जनजाति के पूर्वज मंगोलियन थे। कहा जाता है की त्रिपुरा की स्थापना का श्रेय इन्ही जनजाति के पूर्वज को जाता है।
त्रिपुरा का आधुनिक इतिहास
भारत का राज्य त्रिपुरा अलग-अलग समय में कई शासकों के शासन का उतार चढ़ाव का साक्षी रहा है। इस बात का सबूत यहाँ के पौराणिक स्मारकों और उनकी संरचनाओं में विविधता से साफ दृष्टिगोचर होता है।
कलांतर में यह प्रदेश मुगल शासको के साथ अन्य मुस्लिम शासकों के अधिकार क्षेत्र में रहा। इतिहास यूं ही अपना करवट बदलता रहा। जब ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आयी तब धीरे-धीरे यहाँ पर अंग्रेजों का आधिपत्य हो गया।
त्रिपुरा के अंतिम शासक राजा वीर चन्द्र माणिक्य महादुर देववर्मा थे। भारत जब आजाद हुआ तब त्रिपुरा का कुछ भाग पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में चला गया।
त्रिपुरा (Tripura) राज्य के गठन का इतिहास
लेकिन त्रिपुरा का बांकी भाग त्रिपुरा के राजा के इच्छानुसार भारतीय गणतंत्र का अहम हिस्सा बना। सन 1957 में भारत सरकार ने इस प्रदेश को केंद्र शासित राज्य का दर्जा प्रदान किया।
लेकिन राज्य पुनर्गठन नियम के तहद सरकार ने 21 जनवरी 1972 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया। गठन से लेकर आजतक त्रिपुरा लगातार प्रगति के पथ पर आगे बढ रहा है।
त्रिपुरा की राजव्यवस्था
भारत के पूर्वोत्तर में स्थित छोटे से राज्य त्रिपुरा का गठन 21 जनवरी 1972 को हुआ था। इस राज्य में विधानसभा की कुल सीटों की संख्या 60 है। त्रिपुरा में लोकसभा सदस्यों की कुल संख्या 2 और राज्यसभा सांसद की केवल 1 सीट है।
सम्पूर्ण राज्य आठ जिलों में विभक्त है। इस राज्य की राजधानी अगरतला है। इस राज्य के पहले राज्यपाल होने का श्रेय बी. के. नेहरू को जाता है।
यहाँ के प्रथम मुख्यमंत्री सचिंद्र लाल सिंह थे। त्रिपुरा के मुख्य शहर में अगरतला, त्रिपुरा का उदयपुर, धरमनगर, बेलोनिया, सबरूम और खोवाई आदि के नाम सम्मिलित हैं।
त्रिपुरा में 2018 से बीजेपी की सरकार है। त्रिपुरा में BJP ने लेफ्ट का किला ढहाया। वर्तमान में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब हैं।
त्रिपुरा के राजधानी (Tripura ki Rajdhani kya hai)
भारत के उत्तर पूर्वी राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला (Agartala) है। अगरतला त्रिपुरा का सबसे बड़ा शहर है। इतिहासकारों के अनुसार अगरतला शहर की नींव सन 1850 ईस्वी में महाराज राधा कृष्ण किशोर माणिक बहादुर ने की थी। पर्यटन के दृष्टि से यह शहर काफी महत्वपूर्ण है।
त्रिपुरा के जिले
भारत के राज्य त्रिपुरा में कुल 8 ज़िले है। जनसँख्या के दृष्टिकोण से सबसे बड़ा जिला पश्चिम त्रिपुरा है। लेकिन अगर क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो राज्य का सबसे बड़ा जिला दक्षिण त्रिपुरा है।
त्रिपुरा के ज़िलों के नाम हैं :- धलाई, गोमती, खोवाई, उनाकोटी, उत्तरी त्रिपुरा, सिपाहीजाला, पश्चिम त्रिपुरा और दक्षिण त्रिपुरा।
त्रिपुरा की लोक संस्कृति
त्रिपुरा की संस्कृति देश के अन्य उत्तर पूर्व राज्य की संस्कृति से मिलती जुलती है। लेकिन बंगाल से सटे होने के कारण यहाँ बंगाल संस्कृति का भी गहरा प्रभाव है।
त्रिपुरा के लोगों के नृत्य, गायन और जीवन शैली से द्वारा यहाँ की लोक संस्कृति की झलक दिखाई पड़ती है। त्रिपुरा के प्रसिद्ध लोकनृत्य के दौरान यहाँ की संस्कृति को नजदीक से अनुभव किया जा सकता है।
यहां का होज़ा गिरी नृत्य, नव वर्ष के आगमन पर गरिया नृत्य, धमैल नृत्य प्रसिद्ध है। इसके अलावा विवाह के अवसर पर गाया जाने वाला वाले यहाँ का लोकगान त्रिपुरा की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करती है।
त्रिपुरा का पहनावा
त्रिपुरा की वेशभूषा की बात की जाय तो यहाँ की महिलाये कमर के नीचे रिनई नामक वस्त्र पहनती है। जिसे साड़ी की तरह कमर पर लपेट कर पहना जाता है।
यहाँ की महिलायें कमर से ऊपर के भाग को एक अलग कपड़े से कसकर बाँधकर पहनती हैं। यह वस्त्र दो भागों में होता है जिसे त्रिपुरा के भाषा में रिसा और रिकुटु कहा जाता है। त्रिपुरा में भी महिलायें द्वारा साड़ी और ब्लाउज पहनने का प्रचलन है।
त्रिपुरा के वयस्क पुरुष कामकाजी पोशाक के रूप में एक नैपकिन (रिकुटु गमचा) एवं स्व-बुना शर्ट ‘कुबई’ पहनते है। यहाँ के पुरुष वर्ग तेज घुप से बचने के लिए पगड़ी धारण करते हैं। यहाँ के युवा लड़के वर्ग शर्ट, पैंट और जींस पहनना पसंद करते हैं।
अमर उजाला के एक खबर के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों के पहनावा को वैश्विक पहचान के लिए ‘ए टेलीग्राम फ्रॉम त्रिपुरा’ नामक योजना पर कम चल रहा है।
इस योजना के तहद भारत की फैशन डिजाइनर अरातीक देव वर्मन ब्रिटेन के डिजाइनर बेथनी विलियम्स के साथ काम कर रही है।
त्रिपुरा की भाषा
भारत के राज्य त्रिपुरा की प्रमुख भाषा अंग्रेजी और बांग्ला है। चूँकि त्रिपुरा के करीब 800 किलोमीटर की सीमा रेखा बांग्लादेश में सटी है। इस कारण यहाँ बांग्ला भाषा का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है।
साथ ही त्रिपुरा में त्रिपुरी भाषा बोली जाती है जो ‘कोक बोरोक’ नाम से प्रसिद्ध है। इसके अलावा त्रिपुरा के लोग अंग्रेजी, हिंदी, मणिपुरी, चकमा भाषा भी बोलते हैं।
त्रिपुरा का धर्म – गूगल में यह सबाल भी अक्कर पूछा जाता है। तो बता दें की त्रिपुरा भारत का एक अभिन्न राज्य है और किसी भी राज्य का एक ही धर्म राजधर्म होता है।
त्रिपुरा का खान पान
त्रिपुरा का खाना की बात करें तो त्रिपुरा का मुख्य भोजन चावल है। यहाँ के लोग मछली और भात खाना खूब पसंद करते हैं। लेकिन त्रिपुरा की पारंपरिक भोजन को ‘म्यूई बोरोक‘ के नाम से जाना जाता है। जो बिना तेल से तैयार एक पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन है।
त्रिपुरा के लोगों के आजीविका का साधन
पहाड़ी राज्य होने के कारण यहाँ बहुत बारिश होती है। त्रिपुरा के प्रमुख फसल के बात करें तो यहाँ चावल, गन्ना, दालें, आलू की मुख्य रूप से खेती की जाती है। यहाँ के नकदी फसल में जूट की खेती शामिल है।
त्रिपुरा का त्योहार
भारत के राज्य त्रिपुरा की जनसंख्या 40 लाख के करीब है। त्रिपुरा में सबसे अधिक आबादी हिन्दू धर्म को मानने वाले की है। लेकिन यहाँ पर ईसाई मिसनरी के प्रचार-प्रसार के कारण ईसाई धर्म को मानने वालों की भी संख्या कम नहीं है।
त्रिपुरा में मुस्लिम आबादी (त्रिपुरा मुस्लिम पापुलेशन) राज्य की कुल जनसंख्या का 9 फीसदी है। इसके अलाबा यहाँ बौद्ध व अन्य धर्म के लोग भी रहते हैं। त्रिपुरा की मुख्य त्योहार की बात की जाय तो यहाँ की प्रमुख त्योहार दुर्गा पूजा है।
दुर्गा पूजा के दौरान यहाँ की रौनक देखते ही बनती है। साथ ही क्रिसमस और अन्य त्योहार भी यहाँ बड़े ही धूम-धाम से मनाये जाते हैं।
त्रिपुरा का भूगोल
भारत के उत्तर पूर्व मे बसा त्रिपुरा, चारों ओर से पहाड़ी से घिरा है। त्रिपुरा का क्षेत्रफल 10492 वर्ग किलोमीटर के करीव है। क्षेत्रफल की आधार पर देखा जाय तो त्रिपुरा भारत के 27 वां राज्य है।
त्रिपुरा की प्रमुख नदीओं में त्रिपुरा की गोमती, फेनी, मुहुरी, मनु, हओरा और खोवाई शामिल हैं। इसकी चौहद्दी की बात करें तो यह प्रदेश तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा हुआ है।
इसके उत्तर, पश्चिम और दक्षिण दिशा में बांग्लादेश तथा पूरब की तरफ असम और मिजोरम है। त्रिपुरा का तापमान जहाँ सर्दियों में 6 डिग्री से 20 डिग्री के बीच होता है। वहीं गर्मी में यहाँ का तापमान 20 डिग्री से 36 डिग्री के करीब होता है।
त्रिपुरा की झील
त्रिपुरा का प्राचीन इतिहास, अनगिनत झीलें, अनुपम पर्वतीय सुंदरता, दूर तक फैले हरियाली इसे मनमोहक बनाती इस राज्य में झीलों की लंबी शृंखला है।
इस प्रदेश में 17 से ज्यादा अति सुंदर झील हैं जो पर्यटन के लिहाज से काफी महत्व रखता है। इस अनगिनत झील के कारण यह प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है।
त्रिपुरा के प्रमुख झीलों के नाम हैं :- डमबूर झील, रुद्रसागर झील, महादेब दीघी झील, बीजोय सागर झील, कमलासागर झील, चंद्रसागर झील, कल्याणसागर झील आदि।
त्रिपुरा के मुख्य पर्यटक स्थल
त्रिपुरा के कई पर्यटक स्थल हैं जो हमेशा से ही पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करता है। त्रिपुरा में पर्यटन की अपार संभावना है। यहाँ के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी कई सकारात्मक कदम उठा रही है।
अक्टूबर से लेकर मार्च तक का समय यहाँ पर्यटन के लिए अनुकूल समय माना जाता है। यहाँ के पर्यटन स्थल में निम्न नाम प्रमुख हैं।
- नीरमहल (Neermahal)
- कैलाशहर (Kailashahar)
- जम्पुई हिल (Jampui Hills)
- हेरिटेज पार्क (Heritage Park)
- उज्जयंत पैलेस (Ujjayant Palace)
- त्रिपुरा सुंदरी मंदिर (Tripura Sundari Temple)
- बाइसन राष्ट्रीय उद्यान (Bison National Park) त्रिपुरा
- सिपाहीजाला वन्यजीव अभयारण्य (Sipahijala Wildlife Sanctuary)
त्रिपुरा से जुड़े रोचक जानकारी – Interesting Facts about Tripura in Hindi
- भारत के राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला है।
- त्रिपुरा की जनसंख्या करीब 40 लाख के लगभग है।
- इस राज्य में सबसे अधिक हिन्दू समुदाय के लोग रहते हैं।
- कहा जाता है की हिन्दू देवी त्रिपुर सुन्दरी के नाम पर इसका नाम त्रिपुरा पड़ा।
- प्राचीन समय में इस प्रदेश को कीरत देश के नाम से जाना जाता था।
- भारत के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा का गठन 21 जनवरी 1972 में हुआ था।
- इस राज्य की करीब 800 किलो मीटर से ज्यादा सीमा रेखा बांग्लादेश से लगती है।
- त्रिपुरा की प्रमुख नदीयों में त्रिपुरा की गोमती, फेनी, मुहुरी, मनु वे खोवाई के नाम शामिल हैं
- राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल में उज्जयंता पैलेस, नीर महल, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर आदि प्रसिद्ध है।
- अंग्रेज़ी त्रिपुरा की राजभाषाएँ है लेकिन यहाँ बांग्ला, हिदी और मणिपुर भी बोली जाती है।
- त्रिपुरा में लोक सभा की 2 , राज्य सभा की 1 और विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं।
- यहाँ के प्रमुख हस्ती में सचिन देव बर्मन, राहुल देब बर्मन और टैनिस खिलाड़ी सोमदेव देब बर्मन हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (F.A.Q)
त्रिपुरा कौन से स्टेट में है?
त्रिपुरा भारत के sevan sister स्टेट में एक है। यह किसी का स्टेट का पार्ट नहीं है बल्कि त्रिपुरा भारत का खुद एक राज्य है।
त्रिपुरा में कुल कितने जिले हैं?
भारत के राज्य त्रिपुरा में 8 जिले है। क्षेत्रफल की दृष्टिकोण से त्रिपुरा का सबसे बड़ा जिला ‘दक्षिण त्रिपुरा’ है। जबकि जनसँख्या के दृष्टि से सबसे बड़ा जिला ‘पश्चिम त्रिपुरा’ है।
त्रिपुरा का क्षेत्रफल कितना है?
भारत के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा का क्षेत्रफल 10,492 वर्ग किलोमीटर है।
त्रिपुरा कितने राज्यों की सीमा छूती है?
त्रिपुरा दो राज्य असम और मिजोरम के सीमा को छूती है। इस राज्य के उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में बांग्लादेश स्थित है। इस कारण राज्य की 800 किलोमीटर की सीमा बांगलादेश से लगती है।
त्रिपुरा में कौन सी भाषा बोली जाती है?
भारत के पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा की प्रमुख भाषा अंग्रेजी और बांग्ला है। इसके अलावा यहाँ हिन्दी, अंग्रेजी और मणिपुरी भाषा वोली जाती है।
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