आंध्रप्रदेश की सम्पूर्ण जानकारी – Information about Andhra Pradesh in Hindi
आंध्र प्रदेश(State of India) भारत के दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी के तट पर बसा एक प्रसिद्ध राज्य है। इतिहास में यह प्रदेश हिन्दू, मुस्लिम और फिर ब्रिटिश शासनों का गवाह रहा है।
भारत का यह राज्य अपने अंदर कई इतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को अपने अंदर सँजोये हैं। आजादी के बाद यह प्रदेश सुर्खियों में तब आया जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय से इनकार किया था।
ब्रिटिश राज्य से लेकर 1956 तक यह मद्रास प्रेसिडेंसी का हिस्सा था। इस राज्य का प्रसिद्ध बंदरगाह विशाखापत्तनम प्राचीन काल से समुन्द्री व्यापारिक केंद्र रहा है। पर्यटन की दृष्टिकोण से भी यह राज्य प्रसिद्ध है।
विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर आंध्र प्रदेश में ही स्थित है। भारत का यह राज्य धान और तंबाकू उत्पादन में अग्रणी है। आंध्र प्रदेश की शास्त्रीय नृत्य (Classical dance) जो कुचिपूड़ी (Kuchipudi) के नाम से जाना जाता है।
राज्य की पहचान बन चुकी है। इस लेख में आंध्र प्रदेश की जिलों की संख्या, राजकीय भाषा, वेशभूसा, त्योहार, इतिहास, भूगोल, राज्य व्यवस्था, पर्यटन स्थल के बारें के ढेरों सारी जानकारी संकलित है।
आंध्र प्रदेश की जानकारी – About Andhra Pradesh in hindi
राज्य का नाम | आंध्रप्रदेश (Aandhra Pradesh) |
आंध्रप्रदेश की राजधानी | हैदराबाद |
आंध्रप्रदेश की प्रस्तावित राजधानी | अमरावती |
स्थापना दिवस | 1 नवम्बर 1956 |
आंध्रप्रदेश का क्षेत्रफल | 160,205 वर्ग कि.मी |
आंध्रप्रदेश का राजकीय पशु | काला हिरण (चिंकारा) |
आंध्रप्रदेश का राजकीय पक्षी | नीलकंठ |
आंध्रप्रदेश का राजकीय फूल | कुमुदनी |
आंध्रप्रदेश का राजकीय वृक्ष | नीम |
आंध्रप्रदेश के प्रथम राज्यपाल | चन्दूलाल माधवलाल त्रिवेदी |
आंध्रप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री | नीलम संजीव रेड्डी |
आंध्रप्रदेश में कुल जिले की संख्या | 13 |
आंध्रप्रदेश में लोकसभा की कुल सीटें | 25 |
आंध्रप्रदेश में राज्यसभा की कुल सीटें | 11 |
राज्य में विधानसभा की कुल सीटें | 175 |
आंध्रप्रदेश की मुख्य भाषा | टेलगु |
आंध्र प्रदेश का राजकीय खेल | कबड्डी |
राज्य का प्रसिद्ध नृत्य | कुचिपूड़ी (Kuchipudi) |
आंध्र प्रदेश का इतिहास
‘आंध्र प्रदेश के पौराणिक इतिहास’ की बात की जाय तो उसे वैदिक काल से जोड़कर देखा जा सकता है। इसका उल्लेख हिन्दू धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। यहाँ के लोग अपने आप को ऋषि विस्वामित्र से भी जोड़कर देखते हैं।
आंध्रप्रदेश के मध्य कालीन इतिहास को राजा महाराजा, नबाबों और ब्रिटिश शासन से जोड़कर समझा जा जाता है। आंध्र प्रदेश के मध्यकालीन इतिहास 6ठी शताब्दी ईसा पूर्व में सोलह महाजनपदों के अधीन थे।
कालांतर में सातवाहन वंश के शासकों का इस क्षेत्र पर शासन रहा। इन्हीं वंश के शासकों ने अमरावती शहर को बसाया था। आगे चलकर यह गौतमीपुत्र सातकर्णि और बाद में आंध्र इक्ष्वाकुओं के आधिपत्य में रहा।
जब इस प्रदेश पर पल्लव वंश का शासन हुआ। तब पल्लव वंश के राजाओं ने इस प्रदेश का विस्तार तमिलाकम तक किया। उन्होंने कांचीपुरम को अपनी राजधानी बनाते हुए अपनी शक्ति की वृद्धि की।
बाद में महेन्द्र वर्मन प्रथम और नरसिंह वर्मन प्रथम के शासन में भी इस प्रदेश का विस्तार हुआ। 12 वीं और 13 वीं सदी के बीच आंध्र प्रदेश के भू भाग पर काकतीय वंश के शासक ने शासन किया।
दिल्ली के सुल्तान गयासुद्दीन तुग़लक़ ने काकतीय वंश पर चढ़ाई कर उसे हरा दिया। आगे चलकर यह प्रदेश विजयनगर साम्राज्य के अधीन कृष्णदेवराय का शासन रहा।
जिसे बहमनी सल्तनत के कुतुब शाही वंश ने आगे चलकर अपने अधीन कर लिया। इतिहास इसी प्रकार करवट लेता रहा। और फिर अंग्रेज आए और अंग्रेजों ने विजयनगरम के महाराजा विजया राम गजपति राजू को पराजित कर अपने अधीन कर लिया।
आंध्र प्रदेश राज्य का आधुनिक इतिहास
आजादी के बाद 1956 में भाषा के आधार पर राज्य का गठन हुआ। आंध्र प्रदेश भाषा के आधार पर गठित होने वाला भारत का पहला राज्य बना। आजादी के बाद हैदराबाद प्रांत के रियासत भारत में विलय के पक्ष में नहीं थे। लेकिन बाद में राजी होना पड़ा।
अंग्रेजों के शासन काल में मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। यहाँ के लोगों ने भाषाई आधार पर मद्रास प्रांत से अलग राज्य गठन की मांग की। मद्रास प्रेसीडेंसी से अलग नए राज्य की मांग को लेकर पोट्टी श्रीमालु आमरण अनशन पर बैठ गये।
आमरण अनशन के 53 दिनों उनकी मृत्यु हो गयी। लेकिन 1953 में उनका सपना सकार हुआ। मद्रास प्रेसीडेंसी के तेलगुभाषी जिले को अलगकर आंध्र प्रदेश राज्य का गठन किया गया।
लेकिन आंध्र प्रदेश का वर्तमान स्वरूप सन 2014 में नए राज्य तेलांगना के अलग होने से बना है।
आंध्र प्रदेश की राजधानी
आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद है। राज्य के बिभाजन के बाद हैदराबाद तेलंगाना का हिस्सा हो गया। लेकिन अभी भी आंध्र प्रदेश की कैपिटल हैदराबाद ही है। आंध्र प्रदेश की नई राजधानी (Andhra Pradesh capital ) अमरावती प्रस्तावित है।
आंध्र प्रदेश की नई प्रस्तावित राजधानी अमरावती को आधुनिक ढंग से बनाया जा रहा है। उसके बाद आंध्र प्रदेश की नई राजधानी हैदराबाद से अमरावती शिफ्ट होना प्रस्तावित है।
आंध्र प्रदेश की राज्य व्यवस्था
सन 1914 में आंध्र प्रदेश से तेलांगना का एक नए राज्य के रूप में पृथक होने के बाद इसका आकार छोटा हो गया। कुल 175 विधान सभा सीट वाली आंध्र प्रदेश राज्य 13 जिलों में बिभाजित है।
इस राज्य से लोकसभा के 25 और राज्य सभा के 12 सदस्य चुने जाते है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (आंध्र प्रदेश CM ) की बात करें तो इसके प्रथम मुख्यमंत्री नीलम संजीव रेड्डी थे।
आंध्र प्रदेश के नृत्य
भारत के आंध्रप्रदेश के प्रसिद्ध नृत्य में कुचीपुड़ी का नाम लिया जाता है। इसके अलाबा बाथाकम्मा, मथुरी, धमाल, डंडारिया, वीरानाट्यम और गोबी नृत्य भी यहाँ के लोगों में लोकप्रिय है।
गोबी नृत्य जहाँ आंध्र के लोग संक्रांति के दौरान मानते है। वहीं घमाल गाजे बाजे के साथ खासकर विवाह के अवसर पर हाथ में तलबार और ढाल लेकर प्रदर्शित किया जाता है।
सावन मास के दौरान यहाँ की एक जनजाति द्वारा मथुरी नृत्य का भी प्रदर्शन किया जाता है।
आंध्र प्रदेश का भूगोल
आंध्र प्रदेश बंगाल की खाड़ी के तट पर बसा बड़ा ही प्रसिद्ध राज्य है। 160,205 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैले इस राज्य के पड़ोसी राज्य उड़ीसा, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और तेलंगाना हैं।
आंध्र प्रदेश की मुख्य नदियों में कृष्णा, गोदावरी, पेन्ना, नागावली कहलाते हैं। आंध्र प्रदेश की चौहद्दी की बात की जाय तो इसके उत्तर में उड़ीसा, महाराष्ट्र और छतीसगढ़ तथा दक्षिण में तमिलनाडु स्थित है।
इसके पूर्व में अगम जल राशि बंगाल की खाड़ी तथा पश्चिम में कर्नाटक स्थित है। यह राज्य खनिज संपदा के दृष्टिकोण से भारत का एक समृद्ध राज्य है।
आंध्र प्रदेश की वेशभूषा (Andhra Pradesh Costumes)
आंध्र प्रदेश की वेशभूषा कोई खास अलग पहचान नहीं रखती है। आंध्र प्रदेश ड्रेस की बात की जाय तो यहाँ के लोग आम भारतीय की तरह धोती और कुर्ता पहनते हैं। लेकिन धोती को लूँगी की तरह कमर पर लपेट कर पहना जाता है।
यहाँ के नौजवान अंग्रेजी परिधान(फूल पेंट, शर्ट, जींस पसंद करते हैं। यहाँ के मुस्लिम समुदाय के लोग धोती के स्थान पर पजामा धारण करते हैं।
आंध्र प्रदेश का पहनावा में महिलायें गोटेदार साड़ी पहनना पसंद करती हैं। वहीं कुछ महिलायें सलवार, कमीज और दुपट्टा धारण करती है।
आंध्र प्रदेश का मुख्य भोजन क्या है (famous food of Andhra Pradesh )
आंध्र प्रदेश का मुख्य भोजन में ‘बिरयानी’ का नाम आता है। यहाँ के लोग बिरयानी खाना ज्यादा पसंद करते हैं। हैदराबाद की बिरयानी पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहाँ के भोजन मसालेदार और गर्म तासीर के होते हैं।
आंध्र प्रदेश का भोजन की बात की जाय तो यहाँ भी बंगाल, असम, मेघालय और मिजोरम की तरह चावल की प्रधानता है। यहाँ के लोग चावल को सांभर के साथ खाना पसंद करते हैं।
यहाँ आपको समोसे भी भेज और नॉन भेज (अंडे और आलू वाला समोसा) दोनों तरह के मिलते हैं। इसके अलाबा यहाँ के पारंपरिक भोजन (ट्रेडिशनल फूड ऑफ आंध्र प्रदेश) में पुलिहोरा, गोनगुरा आचार, छिपा पूलूसु आदि नाम आते हैं।
आंध्र प्रदेश की भाषा
आंध्र प्रदेश की भाषा तेलुगु (Telugu) है। लेकिन यहाँ के लोग तमिल, हिन्दी, उर्दू भी जानते हैं। तेलगु भाषा आंध्र प्रदेश की राजभाषा है। भारत में बोली जाने वाली भाषा में तेलगु का तीसरा स्थान प्राप्त है।
यहाँ के 85% से ज्यादा लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं। यहाँ के शिक्षित वर्ग हिन्दी और अंग्रेजी भाषा का भी इस्तेमाल करते हैं।
आंध्र प्रदेश की संस्कृति (Aandhra Pradesh ki Sanskriti )
आंध्र प्रदेश का कल्चर की बात की जाय तो यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सँजोये हुए है। यहाँ के उत्सव व नृत्य के दौरान यहाँ की संस्कृति की झलक साफ दिखाई पड़ती हैं। यहाँ की संस्कृति में आर्य और द्रविड का संयोग देखने को मिलता है।
आंध्र प्रदेश का रहन सहन
आंध्र प्रदेश की रहन-सहन और अर्थ व्यवस्था कृषि पर निर्भर करती है। लेकिन यहाँ के लोगों के मुख्य आय का स्रोत खेती है। यहाँ तंबाकू और धान की खेती बहुत पैदावार होती है।
इसके अलाबा यहाँ कपास, मूंगफली, गन्ना की भी खूब उपज होती है। यहाँ कई प्रकार के खनिज का अपार भंडार का पता चला है। जो इस प्रदेश के अर्थ व्यवस्था में अमूल्य योगदान दे सकता है।
आंध्र प्रदेश के त्योहार
भारत के अन्य राज्यों की तरह आंध्र प्रदेश में भी कई त्योहार मनाये जाते हैं। आंध्र प्रदेश के त्योहार में संक्रांति, होली, महाशिवरात्रि, रामनवमी, दीपावली, ईद, रमजान और क्रिसमस के नाम शामिल हैं।
यहाँ के विभिन्न समुदाय के लोग एक दूसरे के त्योहार में बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं। यहाँ सभी त्योहार को सोहार्द पूर्वक बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं।
आन्ध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के जिले
आंध्र प्रदेश में कुल 13 जिले हैं। इन जिलों के नाम इस प्रकार हैं। चित्तूर, अनंतपुर, कड़पा, पूर्वी गोदावरी, पश्चिम गोदावरी, गुन्टूर, करनुल, श्री पोट्टी श्री रामुलु नेल्लूर, श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम, विजयनगरम और प्रकाशम।
आंध्र प्रदेश की जलवायु
इस राज्य की जलवायु पूर्वोत्तर मानसून पर निर्भर करती है। सर्दी ऋतु में यहाँ का तापक्रम समान्यतः 12 डिग्री के आसपास और गर्मी में 40 डिग्री तक पहुँच जाता है। जून से सितंबर तक यहाँ भारी बारिश का मौसम रहता है।
आंध्रप्रदेश के प्रमुख शहर
- विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) – राज्य का सबसे बड़ा शहर तथा नौसेना के पूर्वी कमान का मुख्यालय
- विजयवाड़ा (Vijayawada) – इसका पुराना नाम विजयवाटिका था।
- अमरावती (Amaravati) – आंध्र प्रदेश की नई प्रस्तावित राजधानी
- तिरुपति (Tirupati) – विश्व प्रसिद्ध मंदिर के लिए प्रसिद्ध
- गुंटूर (Guntur)-
आन्ध्रप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल (Andhra Pradesh tourist place)
- तिरुपति वालजी (Tirupati) – हिन्दू समुदाय का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान तिरुपति वालाजी मंदिर के लिए प्रसिद्ध
- विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) – भारत का प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह और समुन्द्री व्यपार केंद्र
- विजयवाड़ा (Vijayawada) – हिन्दू देवी-देवताओं के मंदिर सहित अन्य धर्मों के लिए भी खास
- अराकु वेली (Araku Valley)
- श्रीसैलम (Srisailam)
- पापीकोंदालू (Papikondalu)
- अहोबिलम (Ahobilam)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (F.A.Q
Q.आंध्र प्रदेश का नृत्य कौन सा है?
आंध्र प्रदेश का प्रसिद्ध नृत्य (क्लासिकल डांस ) कुचीपुड़ी है।
Q.आंध्र प्रदेश में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा कौन कौन सी है?
आंध्र प्रदेश में बोली जानी वाली प्रमुख भाषा तेलगु है। इसके अलावा यहाँ के लोग हिन्दू, उर्दू, अंग्रेजी और तमिल भी बोलते हैं।
Q.आंध्र प्रदेश की नई राजधानी कौन-कौन सी है?
वर्तमान में इस प्रदेश की राजधनी हैदराबाद है। लेकिन भविष्य मे आंध्र प्रदेश की नई प्रस्तावित राजधानी अमरावती है।
Q.आंध्र प्रदेश का विभाजन कब हुआ?
आंध्र प्रदेश का बिभाजन 2014 में तेलंगाना का पृथक राज्य बनने से हुआ।
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