ओडिशा का इतिहास व सम्पूर्ण जानकारी – Information about odisha in hindi
History of Odisha in Hindi (ओड़िशा का इतिहास) – ओडिसा भारत के मध्यपूर्व में स्थित एक खूबसूरत राज्य है। प्रकृति के अनमोल खजाने से समृद्ध यह राज्य कई सांस्कृतिक विरासत को अपने में संजोये हुए है।
इसके पूरब में स्थित अगम जलराशि लिए समुद्र और पश्चिम में स्थित विस्तृत खूबसूरत नीली पहाडियां इस राज्य को खूबसूरती प्रदान करती है। ऊपर से सुदूर तक फैली धान का खेत इसकी सुंदरता में चार चाँद लगा देती है।
Odisha meaning in hindi – इसका नाम ओडिसा संस्कृत भाषा के के शब्द ओद्रा देसा से लिया गया। कहते हैं की प्राचीन काल में राजा ओड ने ओड्र-राज्य की स्थापना की थी।
जिसका विस्तार स्वर्ण रेखा नदी के निचले हिस्से से लेकर महानदी की घाटी तक था। अनेकों मंदिर और मठ इसकी पहचान है।
यह प्रदेश सुंदर झील, आकर्षण से भरा समुन्द्री तट, मंदिरों और एतिहासिक इमारत के लिए प्रसिद्ध है। यह भूमि है पवित्र मठों और मंदिरों की जहाँ के प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर में भगवान शिव और विष्णु दोनो की एक साथ पूजा होती है।
यह भूमि है भगवान जगन्नाथ की जिनकी रथ यात्रा को देखने दुनियाँ भर से लोग पूरी आते हैं। ओडिशा का इतिहास बहुत ही गरिमामय रहा है। जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क मंदिर और लिंगराज मंदिर उड़ीसा के पहचान है।
ओडिशा वह भूमि है जिसने आशोक जैसे चंड का हृदय परिवर्तित कर प्रियदर्शी सम्राट अशोक बना दिया। हम 5 मिनट के इस लेख में ओडिशा का इतिहास और भूगोल, दर्शनीय स्थल सहित संक्षेप में पूरे ओडिशा का दर्शन कराएंगे।
ओडिसा राज्य की सम्पूर्ण जानकारी – Information about odisha in hindi
राज्य का नाम | ओडिसा(In English -Odisha) |
ओडिसा राजधानी | भूबनेश्वर |
ओडिसा की भाषा | उड़िया |
राज्य स्थापना दिवस | 1 अप्रैल 1936 |
साक्षरता दर | 73.45 |
जनसंख्या | 4,19,47,358 (जनगणना 2011) |
लिंग अनुपात | 978 (जनगणना 2011) |
क्षेत्रफल | 1,55,707 वर्ग कि.मी. |
ऑडिश का राज्य गीत | बंदे उत्कल जननी (Bande Utkala Janani) |
विधान सभा की कुल सीट | 146 |
लोकसभा की कुल सीट | 21 |
प्रमुख शहर | भूबनेश्वर, कटक, सम्भलपुर, बालासोर, भद्रक |
प्रमुख पर्यटन स्थल | जगननाथपूरी, भुवनेश्वर, छिलका झील, कोणार्क |
ओडिशा राज्य का इतिहास – history of odisha in hindi
उड़ीसा का पुराना नाम उत्कल, कलिंग, ओद्र, ओड्रदेश, दक्षिण कोशल, और मत्स प्रदेश आदि कई नामों से जानते थे। कुछ बर्ष पहले इसका नाम परिवर्तित कर उड़ीसा से ओडिशा कर दिया गया।
ओडिसा का इतिहास बहुत ही उथल-पुथल भरा रहा है। मगध सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य कभी इस क्षेत्र को अपने राज्य में मिलाने का मन बनाया था। बाद में सम्राट अशोक ने भयानक रक्तपात के बाद इस क्षेत्र पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया।
उस बक्त इस क्षेत्र का नाम कलिंग था। यदपि सम्राट अशोक का इस भयानक नरसंहार के बाद हृदय प्रवर्तित हो गया। उन्होंने कलिंग युद्ध के बाद युद्ध का परित्याग कर भगवान बुद्ध के अनुआयी बन गये
और बुद्ध-शरणम्-गच्छामी को प्राप्त हुए। कलांतर में कलिंग पर चेदि वंश, महा-मेघवाहन वंश, नल वंश, मुदगल वंश, माठर वंश, भौमकर वंश, सूर्य वंश, सातवाहन और सोम वंश का शासन रहा।
अंग्रेजों के आधिकार में आने के पहले ओडिशा फिरोजशाह तुगलक के अधीन था। अप्रैल 1936 को ओडिशा को बिहार से अलग कर एक नये राज्य के रूप में स्थापित किया गया।
15 अगस्त 1947 को जब हमारा देश आजाद हुआ। तब से लेकर आज तक यह राज्य प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर है। सन 2011 में में इसका नाम उड़ीसा से परिवर्तित कर ओडिशा कर दिया गया।
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ओडिशा का भूगोल
एक ओर अथाह जल राशि लिए ओडिशा बड़ा ही रमणीक स्थल है। 1,55,707 वर्ग कि.मी के विस्तृत भुभाग में फैला इस राज्य के 87.46 लाख हेक्टेयर की भूमि कृषि योग्य है।
यह भूमि महानदी, ब्राह्मणी और बैतरनी नदी के जल से सिंचित है। यहाँ की प्रमुख फसल धान है। क्योंकी ओडिसा में बहुतायत रूप से धान की खेती की जाती है।
ओडिसा का करीब 32% भुभाग वनों से ढंका हुआ है जिसमें कई प्रकार के वन्य जीव संरक्षित हैं। ओडिशा खनिज संपदा में भी उन्नत है। यहाँ कई प्रकार के खनिज पाये जाते हैं जिसमें कोयला, लोहा, तांबा आदि प्रसिद्ध हैं।
ओडिशा की चौहद्दी – ODISA KI CHAUHADDI KYA HAI
इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में छत्तीसगढ़, उत्तर-पूर्व में पश्चिम-बंगाल, उत्तर में झारखंड, और दक्षिण में तेलांगना स्थित है।
राज्य का गठन – odisha rajya ka itihas in hindi
ओडिसा राज्य का गठन 1 अप्रैल 1936 को बिहार से अलग होने के बाद हुआ था। अपने गठन के बाद से ही यह राज्य लगातार तेजी से प्रगति के पथ पर गतिशील है।
कभी इस राज्य की गिनती भारत के अत्यंत ही पिछड़े राज्य में की जाती थी। लेकिन प्रगति के पथ पर अग्रसर ओडिसा में तेजी से बदलाब हो रहा है।
ओडिसा की राजधानी – odisha capital in hindi
जैसा की हम जानते हैं ओडिशा की राजधानी( odisha ki rajdhani ) भुवनेश्वर है। भुवनेश्वर को दो रूपों में बाँट कर देखा जा सकता है, प्राचीन और नया भुवनेश्वर। डिसा के प्रमुख शहर में भुवनेश्वर का नाम आता है।
प्राचीन भुवनेश्वर जहाँ एतिहासिक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है वहीं नया भुवनेश्वर आधुनिक रूप से प्रगति करते हुए नये नये आयाम स्थापित कर रहे हैं।
भुवनेश्वर में इतने मंदिर हैं की इन्हें मंदिरों का शहर भी कहा जा सकता है। यहाँ के प्रसिद्ध मंदिर में लिंगराज मंदिर, अन्त वासुदेव मंदिर, राजा-रानी मंदिर भास्करेश्वर शिव मंदिर आदि हैं।
उड़ीसा की भाषा क्या है – information about odisha language in hindi
उड़ीसा की राजकीय भाषा उड़िया है। लेकिन यहाँ हिन्दी, अंग्रेजी व अन्य क्षेत्रीय भाषा भी बोली जाती है।
उड़ीसा के जिले – how many district in odisha
ओडिशा का इतिहास के अंतर्गत आगे हम उड़ीसा के जिले के बारें में जानेंगे। ओडिशा में टोटल 30 जिले हैं। ऑडिसा के सबसे अधिक साक्षरता वाला जिला, खोरधा है।
क्षेत्रफल के दृष्टि से सबसे बड़ा जिला (odisha ka sabse bada district) जिला मयूरभंज हैं। जनसंख्या में सबसे बड़ा जिला गंजाम है।
ओडिशा का नृत्य – odisha culture in hindi
तेजी से बदलाव के बावजूद भी यहाँ के लोग अपनी सास्कृतिक विरासत, संगीत व नृत्य-कला को भी जीवंत बनाये हुए है। आपने ओडिशी नृत्य शैली का नाम जरूर सूना होगा इस नृत्य शैली का इतिहास 2000 वर्ष पुराना माना जाता है।
यह नृत्य ओडिशा की परंपरा के साथ ओडिसा की संस्कृति का सबूत है। ओडीसी नृत्य-शैली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।
ओडिशा की प्रथा और परंपराएं यहाँ की शिल्पकला में भी साफ दिखाई पड़ता है। क्योंकि शिल्पकला के क्षेत्र में भी यह राज्य कम नहीं है, यहाँ की हस्तशिल्प-कला पूरे भारत में अपनी अलग पहचान रखती है।
ओडिशा का पहनावा – Information About traditional dress of Odisha In Hindi
ओडिशा की वेशभूषा – ओडिशा पारंपरिक पोशाक में जहाँ पुरुष वर्ग आमतौर पर धोती और कुर्ता पहनते हैं। वहीं वे अपने कंधे पर गमछा डाल कर रखते हैं। यहाँ की महिलायें साड़ी व ब्लाउज धारण करती हैं।
ओडिशा का खाना – information about odisha food in hindi
ओडिशा का खाना की बात की जाय तो ओडिशा के प्रमुख व्यंजन में खिचडी, चुंगडी मलाई, मचा घांत, दाल्मा, पखला भाटा के नाम आते हैं। इसके साथ ही उड़ीसा का मुख्य भोजन में मछली और भात भी खूब पसंद करते हैं।
उड़ीसा में कितने जनजातीय समूह रहते हैं
भारत के खूबसूरत राज्य ओडिशा में कई जनजातीय समूह रहते हैं। यह क्षेत्र जनजातियों के लिए प्रसिद्ध हैं। कहते हैं की यहां 60 से ज्यादा जनजातीय समूह का निवास हैं। उड़ीसा की जातियां समूह में बोंडा उड़ीसा की सबसे प्राचीन जनजाति माना जाता है।
ओडिशा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – places to visit in odisha
आगे हम tourist places in odisha के बारें में विस्तार से जानेंगे। इनके ओडिशा दर्शनीय स्थल में चिलका झील, हीराकुंड बाँध, कई वन्य जीव अभ्यारण शामिल हैं।
चिलका झील
ओडिशा में भुवनेश्वर से करीब 50 किमी की दूरी पर चिलका झील स्थित है। इस खारे पानी का यह झील एशिया की सबसे माना जाता है। यहां झील लाखों प्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल हैं।
आप बोट की सवारी द्वारा इस झील का सैर कर सकते हैं। यहाँ आपको खूबसूरत पक्षियों के अलाबा झील में अटखेलियां करते हुए डॉल्फिन आसानी से मिल जाएगा। यहाँ पर स्थित कई टापू भी पर्यटक के आकर्षण का केंद्र है।
हीराकुंड बांध उड़ीसा
उड़ीसा में पर्यटन के दृष्टि से हीराकुंड बांध सबसे प्रसिद्ध स्थल है। हीराकुंड बांध भारत को सबसे लंबा बांध माना जाता है। महानदी पर निर्मित इस बाँध की लंबाई करीब 55 किलोमीटर है।
डारींगबाड़ी – Daringbadi
ऑडिशा के कंधमाल जिले में स्थित ‘डारींगबाड़ी’ ओडिसा के एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल में से एक हैं। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस जगह की तुलना कश्मीर से की जाती है। कश्मीर की तरह ही यहाँ ठंड के मौसम से बर्फ वारी भी होती है। इस कारण से लोग इसे ऑडिशा के कश्मीर के नाम से भी संबोधित करते हैं।
उड़ीसा की वन्यजीव अभ्यारण्य (वाइल्ड लाइफ सेन्च्युरी ): national park in odisha
ओडिशा में कई प्रसिद्ध वन्यजीव अभ्यारण्य मौजूद हैं। यहाँ के प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्यों में निम्नलिखित प्रमुख हैं।
- नंदन कानन,
- चिल्का,
- भीतरकर्निका,
- किरपाडा,
- गहिरमाथा आदि , इन अभ्यारण्यों में कई प्रकार के दुर्लभ प्रजातियाँ के जीवों को संरक्षित किया गया है।
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उड़ीसा के प्रमुख उत्सव व त्योहार – Information About Odisha festival In Hindi
अनेकों पर्यटन स्थलों से समृद्ध ओडिशा अपने सांस्कृतिक विरासतों, त्योहारों और उत्सवों के लिए भी जाना जाता है। ओडिशा के प्रमुख त्योहार में जगन्नाथपूरी में आयोजित होने वाला रथ यात्रा प्रसिद्ध है।
इसके अलाबा ओडिशा के प्रमुख त्यौहार में चंदन यात्रा, कलिंग महोत्सव, खंडागिरी उत्सव, बाली यात्रा और कोर्णाक उत्सव भी धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही ओडिशा के त्योहार में महा-शिवरात्री, मकर संक्राति, होली, बसंत पंचमी आदि प्रमुख हैं।
उड़ीसा के प्रमुख मंदिर : Information About Odisha temple In Hindi
लिंगराज मंदिर भूबनेश्वर
ओडिशा का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना यहाँ की मंदिर है। लिंगराज मंदिर ओडिसा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। यह ऐसा दुर्लभ मंदिर है जिसमें भगवान शिव और भगवान बिष्णु की एक साथ हरी-हरा रूप में पूजा की जाती है।
यहाँ महाशिवरात्रि के दौरन भक्तों की अपार भीड़ जमा होती है। इसके अलाबा बिन्दु सरोबर भी पर्यटक के आकर्षण का केंद्र रहता है।
जगन्नाथ मंदिर, पूरी
जगन्नाथपूरी में स्थित यह मंदिर ओडिशा की पहचान है। यहाँ आयोजित होने वली रथ-यात्रा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस रथ यात्रा में भाग लेने देश विदेश से लोग पूरी आते हैं। हिन्दू समुदाय के चार धामों में जगन्नाथपूरी एक है।
कोर्णाक का सूर्य मंदिर
ओडिशा के प्रमुख मंदिर में कोणार्क मंदिर का नाम शामिल है। यह मंदिर भगवान भास्कर को समर्पित है। अपने अद्भुत वास्तुकला के कारण इस मंदिर को यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल किया।
कोणार्क सूर्य महोत्सव के दौरान यहाँ बड़ा ही रौनक होता है। इसके अलाबा ओडिशा के प्रमुख स्थल में ’64 योगिनी मंदिर’ और राजा-रानी मंदिर में दर्शनीय हैं।
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उड़ीसा के अन्य धार्मिक स्थल
ओडिशा का इतिहास हमें बताता है की यहाँ बौद्ध धर्म और जैन धर्म का भी खासा प्रभाव रहा है। यहाँ के प्रसिद्ध बौद्ध स्मारक में धौलगिरी, रत्नागिरी, ललितगिरी, देवगढ़ उदयगिरी, पद्मपुर,प्राची वेली आदि प्रसिद्ध हैं।
जैन स्मारक में उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाएं दर्शनीय हैं। जानिए जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर भगवान महावीर के बारें में
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उड़ीसा का पूर्व नाम क्या है?
उड़ीसा का पूर्व नाम दक्षिण कोशल, उत्कल, कलिंग, ओद्र, ओड्रदेश, और मत्स प्रदेश है।
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उड़ीसा क्यों प्रसिद्ध है?
ऑडिशा सुंदर समुन्द्री तट, मंदिरों और झीलों के लिए प्रसिद्ध है।
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उड़ीसा राज्य का गठन कब हुआ था?
उड़ीसा राज्य का गठन 1 अप्रैल 1936 को हुआ था।
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उड़ीसा की भाषा क्या है?
उड़ीसा की राजकीय भाषा उड़िया है। लेकिन यहाँ हिन्दी, अंग्रेजी व अन्य क्षेत्रीय भाषा भी बोली जाती है।
आपको ओडिशा का इतिहास व सम्पूर्ण जानकारी ( INFORMATION ABOUT ODISHA IN HINDI ) जरूर अच्छा लगा होगा।