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झारखंड की सम्पूर्ण जानकारी – Information about Jharkhand in Hindi
झारखंड (State of India)महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जन्म भुमि है। खनिज संपदा से परिपूर्ण भारत का यह राज्य आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे उन्नत है। खनिजों के अपार भंडार के कारण ही इसे ‘रत्नगर्भाभूमि’ के नाम से भी जाना जाता है।
झारखण्ड, भारत का सर्वाधिक कोयला, लोहा, यूरेनियम, तांबा, बाक्साइट और अभ्रक उत्पादक राज्य है। झारखंड को भारत का रूर भी कहा जाता है। (‘रूर’ जर्मनी में स्थित अपार खनिज संपदा वाला एक जगह का नाम है।)
झारखंड शब्द का मतलब झार अर्थात जंगलों से है। झारखंड शव्द, झार और खंड दो शब्दों के मेल से बना है। जिसमें झाड़ से आशय जंगल और खंड का मतलब टुकड़ा से है। वनों की अधिकता के कारण ही शायद इस राज्य का नाम झारखंड रखा गया।
विश्व के टॉप 5 लौह इसपात कारखाना झारखंड के जमशेदपुर में स्थित है। राज्य में बहने वाली नदी की घाटी अर्थात दामोदर घाटी को हाऊस ऑफ मिनरल्स’ कहा जाता है।
यहाँ के लोगों ने भारत के स्वतंरता की लड़ाई में बढ-चढ़कर भाग लिया। अगर आप झारखंड के बारे में निबंध पढ़ना चाहते हैं तो यह लेख आपको सहायता कर सकते है। आईये इस लेख के द्वारा झारखंड के बारें में विस्तार से जानते हैं।
झारखंड के बारे में जानकारी – Information about Jharkhand state in Hindi
राज्य का नाम | झारखंड (Jharkhand) |
झारखंड की राजधानी | राँची (Ranchi) |
राज्य की स्थापना दिवस | 15 नवंबर 2000 |
झारखंड का क्षेत्रफल | 79,714 वर्ग कि.मी. |
झारखंड का राजकीय पशु(State Animal) | हाथी |
झारखंड की राजकीय पक्षी(State Bird) | कोयल |
झारखंड की राजकीय फूल(State flower) | पलास |
झारखंड की राजकीय वृक्ष(State Tree) | साल |
झारखंड का राजकीय फल (state fruit ) | लीची |
झारखंड के प्रथम राज्यपाल | प्रभात कुमार |
झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री | बाबुलाल मरांडी |
झारखंड में कुल जिले की संख्या | 24 |
राज्य में लोकसभा की कुल सीटें | 14 |
राज्य में राज्यसभा की कुल सीटें | 06 |
विधानसभा की कुल सीटें | 82 |
झारखंड का इतिहास
इस प्रदेश के प्राचीन इतिहास का उल्लेख धार्मिक पुस्तकों में भी मिलता है। विद्वानों के अनुसार महाभारत काल में इस क्षेत्र में स्थित छोटा नागपूर ‘पुंडरिक’ के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र का वर्णन वायु पुराण में भी मिलता है।
इतिहासकार के मतानुसार मगध साम्राज्य के दौरान भी यह क्षेत्र अलग पहचान रखता था। सदियों से यह प्रदेश आदिवासियों का गढ़ रहा है। इस क्षेत्र के गुफाओं में अंकित चित्रों से इसकी प्राचीन इतिहास का पता चलता है।
झारखंड का भू-भाग कई विद्रोह तथा शासकों के शासन का गवाह रहा है। मध्यकाल में यहाँ मुस्लिम शासकों का आधिपत्य रहा। मुग़ल शासक के शासनकाल में यह प्रदेश ‘कुकरा प्रदेश’ के नाम से प्रसिद्ध था।
ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में आने के बाद यह ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया। भारत की आजादी के लिए यहाँ के अनेकों स्वतंत्रता सेनानी ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।
देश के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले बिरसा मुंडा, तिलका मांझी आदि सेनानी को हमेशा याद किया जायेगा। इन्ही सब लोगों के एकीकृत प्रयास और त्याग के कारण 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। आजादी के बाद यह क्षेत्र बिहार प्रांत का अहम हिस्सा बना।
झारखंड आंदोलन का इतिहास
लेकिन इस राज्य के लोगों ने आजादी से पहले ही अलग राज्य की मांग शुरू कर दी थी। कहते हैं की भारतीय हॉकी खिलाड़ी जयसिंह मुंडा ने पहली बार अलग प्रदेश का मांग रखा था।
इसके बाद एक अलग राज्य की मांग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा नामक संगठन बना। अलग राज्य की मांग को लेकर गठित संगठन झारखंड मुक्ति मोर्चा को स्थानीय लोगों का पूरा समर्थन मिला।
अंततः पृथक राज्य के आंदोलन को सरकार ने विराम देते हुए एक नए राज्य बनाने का फैसला किया।
झारखंड आंदोलन एवं राज्य गठन
झारखंड राज्य के गठन का इतिहास आजादी के बाद से शुरू हो गया था। फलतः दशकों से यहाँ के लोगों के मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक प्रस्ताव पास किया। इस प्रकार झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 किया गया।
अंतोगत्वा बिहार से अलग होकर झारखंड भारत का 28 वां राज्य बना। बिरसा मुंडा के जन्म दिवस 15 नवंबर को नये राज्य के स्थापना दिवस के लिए चुना।
झारखंड की राजधानी
राज्य की स्थापना के बाद झारखंड की राजधानी राँची बनाई गई। राँची झारखंड का प्रसिद्ध शहर है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, सुंदर झील और स्वास्थ के लिय अनुकूल जलवायु पर्यटन के लिए बहुत ही अनुकूल है।
झारखंड की राजव्यवस्था
यहाँ द्विसदनीय शासन व्यवस्था है।सन 2000 में बिहार से अलग होने के बाद झारखंड की राजधानी रांची बनाई गई। इस राज्य में कुल 82 विधानसभा सीटें हैं।
झारखंड में लोक सभा के 14 सांसद और राज्य सभा के 6 सदस्य चुनकर दिल्ली पहुचते हैं। प्रशासनिक दृष्टिकोण से झारखंड 24 जिले में विभक्त है। एक आँकड़े के अनुसार झारखण्ड में कुल गाँव की संख्या 32623 है।
झारखंड के जिले
जब सन 2000 ईस्वी में बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य का गठन हुआ था। उस समय झारखंड में मात्र 18 जिले थे। अब राज्य में डिस्टिक की संख्या बढ़कर 24 हो गई है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखंड राज्य का सबसे बड़ा जिला पश्चिमी सिंहभूम है। क्षेत्रफल में झारखण्ड का सबसे छोटा जिला लोहरदग्गा है। झारखंड का सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला रांची तथा सबसे कम जनसंख्या वाले जिले में लोहरदग्गा का नाम आता है।
यहाँ के सर्वाधिक साक्षरता वाले जिले में पूर्वी सिंहभूमि (69.72%) के साथ प्रथम स्थान पर है।
झारखंड के जिलों के नाम इस प्रकार हैं-जमशेदपुर, राँची, धनबाद, लोहरदग्गा, गुमला, सिमडेगा, पलामू, लातेहार, गढ़वा, प सिहभूम, सराईकेला खरसँवा, पूर्वी सिहभूम, दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा, हजारीबाग,
चतरा, कोडरमा, गिरीडीह, बोकारो, देवघर, खूंटी और रामगढ़।
झारखंड का भूगोल – Jharkhand Ka Bhugol
झारखंड की भौगोलिक स्थिति पर नजर डालें तो यह 22° उत्तरी अक्षांश से 24°25′ उत्तरी अक्षांश के बीच तथा 83°22′ पूर्वी देशांतर से 88°10′ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।
लगभग चतुर्भुजाकार की आकृति में फैले इस राज्य का विस्तार उत्तर से दक्षिण की तरफ 380 कि.मी. चौड़ी और पूरब से पश्चिम की तरफ 463 कि.मी लंबी है।
भारत का राज्य झारखंड खनिज और वन्य संपदा के दृष्टिकोण से भारत का सबसे समृद्ध राज्य है। करीब 79,714 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैला झारखंड क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का 15वां राज्य है।
अपार प्राकृतिक संसाधन से सम्पन्न होने के कारण इसे भारत का उन्नत प्रदेश कहा जा सकता है।
भूगर्भिक संरचना तथा भौतिक स्वरूप के आधार पर झारखंड को मुख्य रूप से उत्तर में ‘हजारीबाग का पठार’, ‘दक्षिण में रांची का पठार’ और ‘उत्तर-पूर्व में राजमहल की पहाड़ियां’ के रूप में तीन भागों में बांटा जा सकता है।
झारखंड की चौहद्दी
राज्य की सीमा की बात की जाय तो झारखंड के उत्तर में बिहार तथा दक्षिण में ओड़िशा स्थित है। इस राज्य के पूरब में पश्चिम बंगाल तथा पश्चिम में उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ स्थित है।
झारखंड की प्रमुख नदियां
राज्य की प्रमुख नदियों में गंगा, स्वर्णरेखा, खरकाई, दामोदर आदि नदियाँ के नाम सम्मिलित हैं। लेकिन यहाँ की सबसे प्रमुख नदी स्वर्ण रेखा को माना जाता है।
संस्कृति और विरासत
झारखंड भारत के एक आदिवासी बहुलता वाला राज्य है। इस राज्य की सबसे बड़ी जनजाति संथाल मानी जाती है। यहाँ मनाये जाने वाले पर्व व त्योहारों में झारखंड के सांस्कृतिक विरासत के अद्भुत उपस्थिति का पता चलता है।
झारखंड के लोग बड़े ही नेक दिल इंसान होते हैं। इनका रहन शासन उम्दा है। झारखंड की संस्कृति को यहाँ के रहन सहन, वेशभूषा, नृत्य व संगीत और मनाये जाने वाले त्योहार के दौरान देखी जा सकती है।
झारखंड की कला और संस्कृति
झारखण्ड के प्रमुख लोकगीत में झन्झाईन, झूमर, डोमकच, कईडधारा, और आंगनई के नाम शामिल हैं। झारखण्ड की जनजातियों द्वारा अनेकों अवसरों पर यहाँ के पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किये जाते हैं।
झारखण्ड के प्रमुख लोकनृत्य में सरहुल, कर्मा, बौंग, मगाह, पाइका, नटुआ, छऊ, अग्नि, मुण्डारी आदि प्रसिद्ध हैं।
झारखंड की वेशभूषा – Jharkhand Ki Veshbhusha In Hindi
झारखंड के लोगों की पारंपरिक वेशभूषा में महिलायें लाल पट्टी वाली साड़ी धारण करते हैं। यहाँ के पुरुषवर्ग कुर्ता, धोती व पायजामा पहनते हैं।
साथ ही पुरुष वर्ग द्वारा शरीर पर गमछा व चादर भी धारण किया जाता है। वहीं यहाँ के नौजवान आधुनिक पहनावा फूल पेंट व शर्ट व जींस धारण करते हैं।
झारखंड की अर्थव्यवस्था
झारखंड के लोगों के आय का प्रमुख स्रोत खनन उधोग एवं कृषि है। झारखंड भारत का खनिज संपदा की दृष्टि से विकसित राज्य है।
इस राज्य में लोहा, कोयला, अवरक, बॉकक्साइट, जस्ता, चुना पत्थर, यूरेनियम आदि खनिज के अपार भंडार मौजूद हैं। इस कारण यहाँ कल कारखाने की कमी नहीं है।
यहाँ को अधोगिक संस्थान धनबाद, जमशेदपुर, राँची, बोकारो, टाटानगर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। राज्य के कुल भू-क्षेत्र में से 27.7% वनों से अच्छादित है। झारखंड में उगाई जाने वाली प्रमुख फसल में चावल, गेहूँ, मक्का, दलहन और तिलहन शामिल हैं।
इन्ही सारे आयामों से मिलकर यहाँ की अर्थव्यवस्था तय होती है। झारखंड का सबसे मुख्य फसल धान है। यह राज्य के सर्वाधिक भू-क्षेत्र में उगाई जाने वाली फसल है।
झारखंड के प्रमुख पर्यटक स्थल (Tourist Places of Jharkhand in Hindi)
- घाटशिला(GhatShila)
- हुंडरू जलप्रपात (रांची),
- जुबली लेक(Jubli Lake) जमशेदपुर,
- मैथन बांध (Maithan Dam),
- वैधनाथ धाम (देवघर),
- बासुकीनाथ धाम (दुमका),
- पाषाणकालीन गुफ़ाएं (हजारीबाग)
- बेतला नेशनल पार्क (Betla National Park),
- दशम जलप्रपात (dasham jalprapat),
- प्राकृतिक सुषमा से भरा नेतरहाट (Netarhat),
झारखंड की भाषा
झारखंड की राजभाषा हिन्दी है। सरकारी कामकाज में हिन्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग होता है। इसके अलावा झारखंड में लोग उर्दू, संथाली, उड़िया, बंगाली, मुंडारी, हो, भोजपुरी, अंगिका, नागपुरी आदि भाषा भी बोलते हैं।
संथाली भाषा राज्य की सबसे बड़ी जनजातीय भाषा है।
झारखंड के प्रमुख शहर
झारखंड में कई नगर हैं जो कल कारखाने और उधोग धंधे के लिए पूरे भरत में प्रसिद्ध है। यहाँ के प्रमुख शहर में राँची, धनबाद, हजारीबाग, बोकारो, दुमका, चाईबासा, जमशेदपुर, पलामू आदि शहर आते हैं।
झारखंड में मनाये जाने वाले त्योहार
झारखंड में सबसे बड़ी हिन्दू आबादी का है। यहाँ हिन्दू धर्म के लगभग 80% लोग रहते हैं। दूसरे स्थान पर यहाँ मुस्लिम आबादी है। इसके अलाबा ईसाई व अन्य धर्मों के लोग भी यहाँ रहते हैं।
यहाँ मनाये जाने वाले त्योहार में श्रावणी मेला, सूर्यकुण्ड मेला, रक्षाबन्धन, छठ, दीपावली, होली, विजयादशमी, बुद्ध व महावीर जयंती, गोर्वधन पूजा, विश्वकर्मा पूजा, सरस्वती पूजा, सरहुल, कर्मा, ईद, मुहर्रम और क्रिसमस के नाम प्रमुख हैं।
झारखण्ड के आदिवासी त्योहार
यहाँ के आदिवासी द्वारा मनाये जाने वाले त्योहार इस राज्य का मुख्य आकर्षण है। आदिवासी द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहार में ‘सरहुल’ का नाम आता है।
सरहुल के अलावा झारखंड के आदिवासी त्योहार में करम, जावा, हैल पुन्हिया, तुशु, भगता परब, जानी-शिकार और बन्दना प्रमुख हैं।
झारखंड राज्य के प्रमुख व्यक्तित्व
वैसे तो झारखंड में अनेकों प्रभावशाली व्यक्ति हुए। उन सभी का नाम यहाँ लिखना संभव नहीं है। लेकिन यहाँ के कुछ प्रमुख व्यक्ति में बिरसा मुण्डा, अल्बर्ट एक्का, गया मुण्डा, बुद्धो भगत, डा. जयपाल सिंह मुण्डा,
इग्नेस वेक, तिलका मांझी, राम नारायण सिंह, बाबूलाल मरांडी, यशवंत सिन्हा, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी इत्यादि नाम लिया जा सकता है।
झारखंड की जनजातियां
भारत का यह राज्य एक आदिवासी बाहुल्य प्रदेश कहलाता है। इस राज्य में करीब 32 प्रकार की जनजातियां निवास करती हैं।
राँची के मोरहाबादी स्थित डॉ. रामदयाल सिंह मुंडा जनजातीय संग्रहालय इन जनजातियों के बारें में वृहद जानकारी उपलबद्ध है। इन संग्रहालय में पुतलों के माध्यम झारखंड की जनजातियां के बारें में विस्तार से बताने की कोशिस की गई है।
माना जाता है की राज्य में निवास करने वाली 32 जनजातियों में से 8 जनजातियां आदिम श्रेणी की हैं। इन आदम श्रेणी की जनजातियों में बिरजिया, असुर, सोरिया पहाड़िया, कोरबा, बिरहोर, माल पहाड़िया एवं सवर के नाम शामिल हैं।
झारखण्ड की कुल आबादी की 28% जनजाति है। इसमें से 90% से ज्यादा जनजातियां गाँव में निवास करती है।
झारखंड राज्य के बारे में रोचक तथ्य – Interesting Facts About Jharkhand In Hindi
- यह राज्य कोयला, अभ्रक, लोह इसपात उद्धोग में अग्रणी है।
- राज्य का प्रथम तांबा कारखाना घाटशिला में स्थित है।
- नेतरहाट राज्य का सर्वाधिक ठंड जगह है।
- झारखंड का सबसे गर्म स्थान जमशेदपुर को माना जाता है।
- पारसनाथ की पहाड़ी की चोटी राज्य की सबसे ऊंची चोटी कहलाती है।
- राज्य के सबसे ऊंचे जलप्रपात में हुंडरू जलप्रपात का नाम आता है।
- झारखंड की शिमला के नाम से रांची शहर जाना जाता है।
- राज्य में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान नेतरहाट है।
- राज्य के हजारीबाग जिला सबसे अधिक वनस्पति वाला जिला है।
- हजारीबाग उद्यान को राज्य का सबसे पुराना उद्यान भी माना जाता है।
- राज्य में एकमात्र नेशनल पार्क ‘बेतला नेशनल पार्क’ है।
- राज्य की सबसे लंबी और प्रदूषित नदी दामोदर नदी है।
- दामोदर नदी को बंगाल का शोक भी कहा जाता है।
- राज्य की मुख्य नहरें में ‘कनाडा बांध की नहरें’ प्रसिद्ध है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (F.A.Q)
झारखंड राज्य क्यों प्रसिद्ध है?
झारखंड अपनी समृद्ध आदिवासी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही इस राज्य में अपार खनिज सम्पदा है। इस कारण इसे भारत का रूर कहा जाता है।
झारखंड का भौगोलिक स्थिति क्या है?
झारखंड की भौगोलिक स्थिति पर नजर दौरायी जाय तो यह 22° उत्तरी अक्षांश से 24°25′ उत्तरी अक्षांश के बीच तथा 83°22′ पूर्वी देशांतर से 88°10′ पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है।
झारखण्ड को झारखण्ड नाम क्यों दिया गया?
झारखंड का शाब्द का मतलब जंगल या झाड़ वाला क्षेत्र होता है। इस प्रदेश में जंगल की बहुलता के कारण ही इसका नाम झारखंड पड़ा। मुगल काल में यह क्षेत्र ‘कुकरा’ के नाम से जाना जाता था।
झारखंड का भौगोलिक नाम क्या है?
झारखंड भौगोलिक रूप से लगभग चतुर्भुजाकार की आकृति में फैले है। इस प्रदेश का विस्तार उत्तर से दक्षिण की तरफ करीब 380 कि.मी. और पूरब से पश्चिम की तरफ करीब 463 कि.मी लंबी है।
झारखण्ड का गठन कब हुआ?
इस राज्य का गठन लंबे संधर्ष और मांग के बाद 15 नवंबर 2000 को हुआ। गठन के बाद झारखंड की राजधानी राँची बनाई गई।
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