अंडमान निकोबार की पूरी जानकारी – About Andaman and Nicobar Islands in Hindi
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अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह (Indian union territory) भारत का एक केंद्र शासित राज्य है। अतल गहराई लिए समुन्द्र से घिरा अंडमान और निकोबार एक सुंदर द्वीप-समूह है।
सामरिक दृष्टिकोण से यह भारत का बहुत ही महत्वपूर्ण प्रदेश है। वैसे तो अंडमान निकोबार द्वीप-समूह में 573 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप स्थित हैं। लेकिन इनमें से मात्र 38 द्वीपों पर ही लोग रहते हैं। बाकी द्वीपों पर आबादी नहीं है।
अंग्रेजों के शासन काल में भारतीय स्वतंरता सेनानी को कालापानी की सजा के लिए इसी द्वीप का इस्तेमाल होता था। इस द्वीप पर स्थित इतिहासिक सेलुलर जेल अंग्रेजों के जुल्म का आज भी गवाह है।
अंडमान और निकोबार का सम्पूर्ण द्वीप समूह दो भागों में विभक्त है। ब्रिटिश सरकार ने इस द्वीप को एकरूपता प्रदान की। अंडमान निकोबार के सभी द्वीप-समूह पर प्रकृति ने अपना अनुपम प्यार लुटाया है।
अंडमान और निकोबार नेचुरल सुंदरता से भरा हुआ द्वीप-समूह है। हरियाली से अच्छादित सभी छोटे-बड़े द्वीपों की मनोरम सुंदरता देखते ही बनती है। यह द्वीप-समूह बंगाल की खाड़ी में विस्तृत रूप से फैली हुई है।
यह द्वीप समूह घने जंगलों, कई किस्म के पंछी तथा अनेकों प्रकार के स्तनधारी व रेंगने वाले जीवों का निवास स्थल है। यहाँ के कुछ द्वीपों पर रहने वाली जन-जाति बाकी दुनियाँ से अनभिज्ञ हैं। अभी भी वे बिना कपड़ों के ही पाषाण युग की तरह जीवन यापन कर रहे हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप-समूह की जानकारी – Andaman and Nicobar Islands in Hindi
भारत के केंद्र शासित प्रदेश | अंडमान निकोबार |
अंडमान निकोबार की राजधानी | पोर्ट ब्लेयर |
अंडमान निकोबार का क्षेत्रफल | 8249 वर्ग किमी. |
अंडमान निकोबार का राजकीय पशु(State Animal) | डुगोंग |
अंडमान निकोबार का राजकीय पक्षी(State Bird) | अंडमानी कबूतर |
अंडमान निकोबार का राजकीय फूल (State flower) | अंडमान पाइनामा (Andaman Pyinma) |
अंडमान निकोबार का राजकीय वृक्ष(State Tree) | अंडमान रेडवुड (Andaman redwood) |
अंडमान निकोबार की प्रमुख जनजाति | निकोबारी, जारवा, ग्रेटे अण्डमानी, शेम्पेन, ओंग्स और सेंटेनलीज़ |
अंडमान निकोबार की मुख्य भाषा | तेलगू, तमिल, हिंदी, निकोबारी, पंजाबी, अंग्रेजी आदि |
अंडमान निकोबार का इतिहास – Andaman and Nicobar Islands history in Hindi
अंडमान निकोबार भारत देश में बंगाल की खाड़ी के मध्य स्थित द्वीपों का समूह है। अगम जल राशि से घिरा अंडमान और निकोबार द्वीप पर अंग्रेजों ने 200 साल तक राज्य किया।
अंडमान द्वीप समूह का उतरी भाग अंडमान और दक्षिणी भाग निकोबार कहलाता है। अंडमान निकोबार के इतिहास को टॉल्मी के समय से जोड़ कर देखा जाता है। लंबे समय तक यह स्थल बाहरी दुनियाँ के संपर्क से दुर रहा।
इस कारण इस भू-भाग का अति-प्राचीन लिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है। लेकिन वास्कोडिगामा यात्रा के बाद और उनके द्वारा भारतीय समुन्द्री मार्ग का पता लगाने के कारण यह स्थल बाहरी दुनियाँ के संपर्क में आया।
पहले यहाँ पुर्तगाली आये उसके बाद यह द्वीप ‘डच’ के अधिकार में रहा। कलांतर में यह अंग्रेजों के पास आया जिसे सन 1880 के बाद अंग्रेजों ने इसे नया रूप दिया। अंग्रेजों के जाने के बाद से यह भारत का अभिन्न्य अंग है।
कालेपानी की सजा
इस वीरान आबादी वाले द्वीप पर ब्रिटिश सरकार भारत के आजादी के सेनानी को कालेपानी की सजा दिया करती थी। यहाँ पर ब्रिटिश सरकार ने 1906 ई. में सेलूलर जेल का निर्माण कराया था।
अंडमान निकोबार में स्थित यह जेल अंग्रेजों द्वारा भारत के लोगों पर ढाए गये जुल्मों सितम का सबूत है। यह द्वीप समूह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानियों के कब्जे में आ गया।
लेकिन यहां के मूल निवासियों ने विरोध कर जापानियों को परेशान कर दिया। अंतोगत्वा जापान ने 6 नबम्बर 1943 इसे नेताजी के अगुआई वाले आजाद हिन्द फौज को सुपुर्द कर दिया।
सन 1947 में सम्पूर्ण भारतवर्ष की आजादी के साथ ही अंडमान और निकोबार भी आजाद हुआ। वर्तमान में यह भारत का एक केंद्र शासित राज्य है।
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अंडमान निकोबार दीप समूह की जनजाति – Tribes of Andaman and Nicobar islands in Hindi
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के जनजाति में निकोबारी जनजाति, जारवा जनजाति, ग्रेट अंडमानी जनजाति, शैम्पेन जनजाति, ओंग जनजाति और सेंटलीज जनजाति सम्मिलित हैं। यहाँ के निकोबारी जनजाति अनुसूचित जनजाति है। इस जनजाति की संख्या अन्य जनजाति से अधिक है।
अंडमान निकोबार की जनजाति में रहने वाली जारवा, ओंग्स और सेंटेनलीज़ बहुत ही खतरनाक जनजाति होती है। इस द्वीप पर इस जनजाति के इलाके में जाना मनाही है। कहते हैं की 2018 में एक अमेरिकी नागरिक की जान इसीलिए चली गई की।
क्योंकि वे इनके इलाके में चला गया था। इन जनजातियों ने उन्हें खतरा जानकार तीर से मार डाला। कहा जाता है की अगर इन जनजाति के नवजात शिशु का शक्ल, सूरत और रंगों का मेल उनसे अलग होने पर उन्हें जान से मार डालते हैं।
अंडमान निकोबार के आदिवासी ‘जारवा जनजाति‘
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की जनजातियों में जारवा प्रमुख जनजाति है। इतिहासकार जारवा जनजाति का मूल नेग्रिटो समुदाय की जनजाति से मानते है। इन द्वीपों पर बिना अनुमति के जाना मना है।
आधुनिक दुनियाँ से अलग-थलग ये लोग अभी भी निवस्त्र रहते हैं तथा शिकार कर जीवन यापन करते हैं। कुछ द्वीपों की जनजाति अभी भी अलग अलग कबीलों में रहते हैं। वर्तमान में जारवा जनजाति दक्षिण तथा मध्य अंडमान के पश्चिमी भाग में रहती है।
यहाँ के द्वीपों पर रहने वाली जरावा जनजाति के बारे में कहा जाता है की ये इन टापुओं पर पिछले 55 हजार साल से रहती आ रही है। लेकिन इनकी संख्या मात्र कुछ सौ ही बची है। सरकार इनके संरक्षण के लिए कई ठोस कदम उठा रही है।
इस जनजाति के संरक्षण के उद्देश्य से भारत सरकार उनके निवास एरिया को ट्राइबल रिज़र्व एरिया घोषित कर दिया है। ताकि आम पब्लिक उनके एरिया में प्रवेश न करे।
अंडमान निकोबार के मूलनिवासी
अंडमान निकोबार के मूलनिवासी की बात की जाय तो अंडमान निकोबार दीप समूह की जनजाति ही यहाँ के मूल निवासी हैं। यहाँ रहने वाली कई जनजाति अभी भी बाहरी इंसान के संपर्क से दूर रहना चाहती है।
इसके अलाबा इस द्वीप समूहों पर कालापानी की सजा काटने वाले कैदियों की सन्ताने, बंगाल, तमिलनाडु व केरल के लोग भी निवास करते हैं।
अंडमान निकोबार के मूलनिवासी के पांचों प्रमुख जनजातियों जरावा, नॉर्थ सेंटीनेलीज़, ओंग, ग्रेट अंडमानीज़ और शोम्पेन की संख्या तेजी से घटती जा रही है।
अंडमान एंड निकोबार की राजधानी – Andaman and Nicobar Capital in Hindi
अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह एक केंद्र शासित प्रदेश है। अंडमान एंड निकोबार की राजधानी “पोर्ट ब्लेयर’ है। पोर्ट ब्लेयर पहाड़ी भूमि पर स्थित एक आधुनिक पहाड़ी स्थल है। इसके चारों ओर फैली विस्तृत हरियाली मन को मोह लेती है।
पोर्ट ब्लेयर जहाजों और सीपों के द्वारा भारत के अन्य शहरों से जुड़ा है। यहाँ के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल में सेलुलर जेल, जिमखाना ग्राउण्ड, ज्यूलॉजिलकल म्यूजियम और फिशरी म्यूजियम प्रमुख हैं।
अंडमान निकोबार में कितने जिले हैं
अण्डमान और निकोबार के जिले की बात करें तो इस द्वीप में कुल तीन जिले हैं। इन जिलों के नाम उत्तर और मध्य अण्डमान जिला, दक्षिण अण्डमान जिला एवं निकोबार जिला कहलाते हैं।
अंडमान निकोबार की भौगोलिक स्थिति – Geography of Andaman and Nicobar islands in Hindi
अंडमान निकोबार की भौगोलिक स्थित की बाद की जाय तो यह प्रदेश 6 और 14 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 92 और 94 डिग्री पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है। निकोबार द्वीपसमूह की स्थिति 10° उत्तरी अक्षांश के दक्षिण में पड़ता है।
जबकि अंडमान द्वीपसमूह की स्थिति 10° उत्तरी अक्षांश के उत्तर में पड़ता है। इन द्वीपों पर बारिश के मौसम में बहुत वर्षा होती है। वर्षाकाल को छोड़कर सालों भर यहाँ मौसम बड़ा ही सुहाना रहता है।
अंडमान निकोबार की संस्कृति – Culture of Andaman and Nicobar islands in Hindi
अंडमान निकोबार में अधिकतर संयुक्त परिवार रहते हैं जबकि मध्य और दक्षिणी निकोबार में एकल परिवार व्यवस्था प्रचलित है। अंडमान निकोबार की संस्कृति अपने अंदर हजारों साल की विरासत सँजोये हुए है।
कहते हैं की अंडमान निकोबार की कला और संस्कृति वहाँ के पर्यावरण और आवश्यकता के हिसाव से है। अंडमान निकोबार की संस्कृति यहाँ मनाये जाने वाले बिभिन्न उत्सवों, नृत्य और गायन में साफ दिखाई पड़ता है।
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उत्सवों के दौरान लोककथाओं का सुनाया जाना और लोक गीतों को गायन यहाँ की परंपरा है। करीव 200 साल तक अंग्रेजों के शासन के कारण यहाँ ईसाई मिशनरी का खासा प्रभाव है।
अंडमान के त्योहार (Festivals of Andaman and Nicobar islands in Hindi)
यहाँ ईस्टर और क्रिसमस बड़े धूम-धाम से मनाये जाते हैं। लोगों के बीच अंतर-द्विपीय विवाह आम होती जा रही है। लोग अपने उत्सवों में अन्य द्वीपों के लोगों को भी बुलाते हैं। यहाँ स्त्री और पुरुष दोनों अलग-अलग समूह में नृत्य करते हैं।
अंडमान निकोबार की वेशभूषा – Traditional dress of Andaman and Nicobar islands in Hindi
अंडमान और निकोबार नेचुरल सुंदरता से भरा हुआ द्वीपसमूह है। यह द्वीपसमूह बंगाल की खाड़ी में फैली हुई है। अंडमान निकोबार का पहनावा और वेशभूषा (andaman nicobar ki veshbhusha) की बात करें तो यहाँ के कुछ द्वीपों के लोगों के वेशभूषा आदि मानव की याद दिलाता है।
अंडमान निकोबार के 572 द्वीप में से केवल 36 पर ही बिभिन्न जनजातियाँ रहती हैं। इनमे से अलग अलग जनजाति का वेशभूषा भी अलग है। इनमें में कुछ जनजाति जैसे जरावा हजारों साल से बाहरी दुनियाँ के संपर्क से दूर रहा।
इस कारण वे अभी भी आदम युग में ही जीते हैं। वे बिना कपड़े के रहते हैं और शिकार के द्वारा अपना पेट भरते हैं। कुछ जनजाति आंशिक कपड़े पहनते हैं।
लेकिन जो लोग बाद में भारत के विभिन्न राज्यों से अंडमान निकोबार द्वीपों पर जा बसे, वे आधुनिकता के रंग में रंगे हुए हैं। उनका अपना व्यवसाय है। वे हस्तहशिल्प और कई अन्य लघु उपक्रमों के द्वारा जीवन यापन करते हैं।
अंडमान निकोबार का रहन सहन
यहाँ का खान पान और रहन सहन भी यहाँ की संस्कृतियों की तरह विविधता लिए हुए है। अंडमान निकोबार का रहन सहन में अन्य द्वीपों के कुछ जनजाति से भिन्नता नजर आती है।
इनके प्राकृतिक रहन-सहन की तसबीरों को पर्यटकों ने कई बार साझा भी किया है। बाहरी दुनियाँ से अलग थलग पड़ी यह जनजाति अपने अंदर कई रहस्य को समाहित किए हुए है। यहाँ के कुछ द्वीपों के लोग अभी भी पाषण युग में बिना कपड़े के ही रहते हैं।
अंडमान निकोबार का खान पान – food of Andaman and Nicobar islands in Hindi
यहाँ के लोगों की खान पान की बात करे तो यहाँ जनजाति के अलावा बंगाल, तमिल, तेलगु, मलयालम लोग अधिक संख्या में बसे हैं। इन द्वीपों पर चावल की खेती भी बहुत होती है।
इस कारण से अंडमान निकोबार के खान पान में चावल की प्रधानता पायी जाती है। विस्तृत समुन्द्री क्षेत्र होने के कारण मछली भी सहजता से उपलब्ध हो जाता है। लेकिन शाकाहारी भोजन की भी कोई कमी नहीं है।
अंडमान निकोबार की भाषा क्या है
अंडमान और निकोबार दीप समूह भारत का केंद्र शासित प्रदेश है। अंग्रेजों ने इस द्वीपों पर 200 साल तक अपना आधिपत्य जमाए रहा। उन्होंने हिंदुस्तान के स्वतंरता सेनानी को कलापानी की सजा के लिए इस द्वीपों को चुना।
फलस्वरूप अंडमान निकोबार की भाषा में अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, तमिल, तेलुगु, मलयालम, पंजाबी और निकोबारी प्रमुख रूप से शामिल हैं। लेकिन यहाँ हिन्दी भाषा बोलने वाले की संख्या अधिक है।
अंडमान निकोबार के लोक नृत्य
निकोबारी जनजाति के लोग अपने पारंपरिक उत्सव ओसुआरी के दौरान सिम्पल लेकिन मनमोहक नृत्य करते हैं। मान्यता है की वे इस नृत्य के माध्यम से वे अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।
अंडमान निकोबार द्वीप से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting facts about andaman and nicobar islands in hindi
- अंडमान निकोबार द्वीप समूह में रहने वाली जरवा जनजाति अभी भी पाषाण युग में जी रही है।
- इस द्वीप की जरवा जनजाति 50 हजार साल पुरानी मानी जाती है।
- इस जनजाति की संख्या अव 500 से कम बताई जा रही है।
- अंडमान निकोबार में 572 के करीब द्वीप हैं इनमें से केवल 36 द्वीप पर ही लोग रहते हैं।
- यहाँ के द्वीप हैवलॉक और नील आइलेंड का नाम ईस्ट इंडिया के दो अधिकारी के नाम पर रखा गया है।
- अंग्रेजों के शासन काल में अंडमान निकोबार काले पानी की सजा के लिए कुख्यात था।
- कहते है की दुनियाँ का सबसे छोटा और सबसे बाद कछुआ इसी द्वीप में पाए जाते हैं।
- अंडमान निकोबार की जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर करीब 4 लाख है।
अंडमान निकोबार के पर्यटन स्थल – tourist places in Andaman and Nicobar islands in Hindi
वैसे तो अंडमान निकोबार पूरा आइलेंड ही खूबसूरत है। लेकिन अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह जगहें के चुनिंदा पर्यटक स्थल के नाम हैं।
- पोर्टब्लेयर,
- हैवलॉक द्वीप,
- राधनगर बीच,
- बैरन द्वीप,
- विजयनगर बीच,
- भरतपुर बीच,
- बारा तंग बीच,
- लाला जी बे बीच,
- चिड़िया टापू,
- सेल्यूलर जेल
राधनगर बीच – अंडमान निकोबार
अंडमान जाने का सही समय (Andaman and Nicobar islands best time to visit in Hindi)
अगर आप अंडमान और निकोबार द्वीप घूमने का मन बना रहे हैं तो आपके के लिए अक्टूबर से लेकर मई तक का महीना सही रहेगा। इस दौरान यहां का मौसम बड़ा ही सुहावना रहता है।
अंडमान और निकोबार कैसे जायें – How to reach andaman and Nicobar islands in Hindi
हवाई मार्ग द्वारा
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह जाने के लिए फ़्लाइट दिल्ली, कोलकाता, चन्नई जैसे बड़े शहरों से उपलब्ध है। इन शहरों से सीधे अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की फ्लाइट मिल जाती है।
समुन्द्री मार्ग से
आप चेन्नई से शीप के माध्यम से भी अंडमान व निकोबार की यात्रा कर सकते हैं। भारत के कुछ प्रमुख शहरों से इसकी दूरी इस प्रकार है।
- कोलकाता से अंडमान निकोबार की दूरी – 3114.6
- लखनऊ से अंडमान निकोबार की दूरी – 3416
- चेन्नई से अंडमान निकोबार की दूरी – 1458.7
- दिल्ली से अंडमान निकोबार की दूरी – 3661.5
अण्डमान जाने का किराया
अंडमान निकोबार का किराया जगह मोड ऑफ ट्रैवल के हिसाव से बदलते रहता है।
जानने योग्य बातें (F.A.Q)
Q.अंडमान निकोबार दीप समूह में कितने द्वीप हैं?
अंडमान निकोबार दीप समूह में 572 से ज्यादा द्वीप हैं। लेकिन अंडमान निकोबार कुल 572 द्वीप में मात्र 36 द्वीपों पर ही लोग निवास करते हैं।
Q.अंडमान निकोबार दीप समूह में कैसे लोग रहते हैं?
अंडमान निकोबार दीप समूह मुख्य रूप से 5 तरह की जनजातियों का निवास स्थल है। साथ ही अंग्रेजों के समय में कालापानी सजा प्राप्त भारतीय कैदी के संतानों तथा बाद में बसे बंगाल, तेलगु और तमिल लोग शामिल हैं।
Q.अंडमान निकोबार में कौन से बोली बोली जाती है?
अंडमान निकोबार की भाष कौन सी है यह प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। यदपि अंडमान निकोबार में सबसे अधिक हिन्दी भाषा बोली जाती है। लेकिन यहाँ निकोबारी, तमिल, तेलगु, पंजाबी, अंग्रेजी और मलयालम भाषा भी प्रचलित है।
Q.अंडमान की राजधानी कौन सी है?
भारत के केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है।
आपको अंडमान निकोबार के बारें में जानकारी (Information about Andaman and Nicobar Islands in Hindi) जरूर अच्छी लगी होगी। अपने कमेंट्स से अवगत करायें।
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